दुर्गापुर सिटी सेंटर स्थित पुष्पांजलि होटल के मुख्य द्वार पर एसीसी सीमेंट के कार्यालय में कार्यरत दो सुरक्षाकर्मी लक्ष्मण यादव और पप्पू सिंह की छटनी किए जाने के खिलाफ परिजनों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया। साथी श्रमिक भी उनका साथ दिये। इस मौके पर बैठाए गए सुरक्षाकर्मी लक्ष्मण यादव एवं पप्पू सिंह ने कहा कि कंपनी का मुख्य कार्यालय पहले आसनसोल के बीएनआर में था। कुछ महीने पहले आसनसोल का कार्यालय बंद कर दुर्गापुर पुष्पांजलि होटल में कंपनी ने अपना कार्यालय खोला है।
आरोप है कि लक्ष्मण यादव एवं पप्पू सिंह को कंपनी से हटाने के लिए आसनसोल की जगह दुर्गापुर में कार्यालय खोला गया। कहा कि कंपनी की ओर से प्रत्येक महीने 12 हजार रुपए वेतन दिए जा रहे थे। आसनसोल में एक दो बार बंद करने का प्रयास किया और हम लोगों को हटाने के भी प्रयास किये गए। मगर मंत्री मलय घटक और एमआईएसी अभिजीत घटक के हस्तक्षेप करने के बाद फिर यह लोग चुपचाप बैठ गए। उसके बाद ही यह घटना हुई।
इसके बाद नवंबर में 8367 रुपए बेतन, दिसंबर महीने में श्रमिकों का वेतन 7 हजार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जनवरी में 5 हजार रुपए वेतन दिया गया। इस मौके पर आंदोलन में श्रमिकों के बच्चे एवं परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। दोनों श्रमिकों की पत्नियाँ देवी यादव एवं संगीता देवी ने कहा कि एसीसी सीमेंट कार्यालय में सुरक्षाकर्मी के हिसाब से उनके पति काम कर रहे थे। लक्ष्मण यादव एवं पप्पू सिंह वर्ष 2006 से काम कर रहे हैं।
आरोप है कि कंपनी के अधिकारी राजेश पांडे, आकाश कुमार, इंद्रनील चौधरी आदि लोगों ने दोनों को बेवजह परेशान कर किया और बिना बताए आज सुबह से गेट के अंदर घुसने नहीं दिया। जिसके चलते सोची-समझी साजिश के तहत दोनों को हटाने हेतु प्रत्येक महीने वेतन में कटौती की गई।
इसके अलावा 2 महीने का वेतन भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि ग्रेच्युटी की राशि 1 लाख रुपए भी कंपनी के पास जमा है। उन्होंने कहा कि दोनों श्रमिकों को हटा दिए जाने से परिवार के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं दोबारा बहाली होने तक उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा।