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कलयुगी पिता ने, तारापीठ मंदिर की चौखट पर छोड़ आया मानसिक बीमार पुत्र को, विधायक के पहल पर लौटा घर

सालानपुर। संतान और पुत्र की प्राप्ति के लिए, दर दर मिन्नत और फरियाद करने वाले तो आपने बहुत देखें होंगे, वंस प्राप्ति को इस संसार में दुनिया का सबसे बड़ा सुख। और संतान वियोग को सबसे बड़ा दुःख माना जाता है। मंदिर की चौखट से लेकर, दरगाह की दर पर आये दिन फरियदियों की हुजूम लगी रहती है, कि काश उन्हें भी ईश्वर एक संतान दे, नहीं तो समाज के लोग उन्हें निर्वंश और निसंतान नामक ताना देकर उम्र भर कुरेदती रहेगी। ऊपरोक्त परिस्थिति के विपरीत रूपनारायणपुर के एक अभागा पिता ने अपने ही 20 वर्षीय मानसिक बीमार पुत्र को माँ तारापीठ मंदिर की चौखट पर छोड़कर भाग निकला। देवी माँ की निगाह में यह पहला पिता था, जो पुत्र प्राप्ति की मांग करने नहीं बल्कि पुत्र वियोग करने आया था। हालांकि इस कुकृत्य में जन्म देने वाली माँ, और एक हक़ीम की भी सहभागिता बताई जा रही है। किन्तु किसी ने ठीक ही कहा है “जाको राखे सेयाँ, मार सके ना कोय”। बाराबानी विधायक विधान उपाध्याय, और युवा तृणमूल नेता मुकुल उपाध्याय के अथक प्रयास से बुधवार को युवक को सकुशल तारापीठ से रूपनारायणपुर लाकर पुनः उन्हें घर पहुँचा दिया गया।


घटना के सन्दर्भ में बताया जाता है कि, आज से लगभग 20 वर्ष पहले चिरेका कर्मी अमलेंदु मल्लिक(65) के घर सुमित मल्लिक नामक पुत्र ने जन्म लिया। समय के साथ युवक की दिमागी हालात की स्थिति परिवार को पता चला। कुछ इलाज के बाद अंधविश्वास से लिपटे परिवार ने नीम हकीम,ओझा गुनी और झाड़ फूक के चक्कर में भारत भ्रमण कर लिया, जिसके कारण दिन-प्रतिदिन स्थिति और बिगड़ती चली गई। फलस्वरूप बढ़ते उम्र के साथ परिवार में सुमित की उधम और धमाचौकड़ी भी बढ़ती चली गई। अलबत्ता घर में तोड़फोड़ और मारपीट की घटनाएं भी आम हो गई थी, ऊब चुके परिजन अब इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते थे, और एक रणनीति के तहत सुमित को दूर कही छोड़ आने की, खिचड़ी पकी, इस सडयंत्र में बागजुड़ी(जामताड़ा) निवासी तोहिद अली नामक एक हक़ीम का भी नाम सामने आया है, जो झाड़फूंक का काम करता है।

बताया जाता है कि बीते सोमवार को सुमित को लेकर उनके पिता और हक़ीम तारापीठ जाते हैं और एक होटल में रहते हैं, और मंगलवार की सुबह जब वे सभी मंदिर में पूजा करने जाते हैं, तो सुमित को उनके पिता द्वारा श्रद्धालुओं की पंक्ति में खड़ा कर दिया जाता है। सुमित सुबह से दोपहर तक खड़ा रहा लेकिन कोई वापस नहीं लौटा। मंदिर की चौखट पर सुमित भूख-प्यास से तड़प रहा था, तभी कुछ स्थानीय लोगों ने उसे तारापीठ पुलिस को सूचना दिया। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो सुमित ने कहा कि वह अपने पिता के साथ आया है, पुलिस सुमित के निशानदेही पर होटल पहुँचे किन्तु पिता और हक़ीम तब तक होटल छोड़कर जा चुके थे। होटल में जमा दस्तावेज के आधार पर पुलिस ने सुमित के परिवार से संपर्क किया, परंतु परिवार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर, तारापीठ पुलिस ने रूपनारायणपुर पुलिस से संपर्क किया।

इधर घटना की जानकारी मिलते ही बाराबनी विधायक विधान उपाध्याय ने तत्परता दिखाते हुए सालानपुर ब्लॉक तृणमूल महासचिव भोला सिंह की अगुवाई में दो वाहनों से, 8 प्रतिनिधि मंडल को तारापीठ भेजा और सुमित को सकुशल घर लाने का निर्देश दिया। इस संदर्भ में भोला सिंह ने कहा कि सुमन को कुशलता पूर्वक तारापीठ से लाकर पुलिस की मौजूदगी में उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। तथा सुमित की देखभाल और ध्यान रखने को कहा गया है। सुमित के मानसिक उपचार के लिए विधायक विधान उपाध्याय समेत, पूरी टीम सुमित के लिए साथ खड़ा है। मौके पर आशुतोष तिवारी, बापी भंडारी, बीजन नाथ, संटू कुमार समेत अन्य उपस्थित रहे।

Last updated: अक्टूबर 7th, 2021 by Guljar Khan