गोल्ड मेडल के साथ, ज्योतिष सम्राट की उपाधि से सुशोभित हुये आचार्य संतोष पांडे
ज्योतिषी ज्ञान का अलग महत्त्व होता है और इसे ग्रहण करने वाले का व्यक्तित्व भी असाधारण होता है। ज्योतिष का ज्ञान हासिल करने के लिए तन और मन का समर्पण करना पड़ता है, अपनी इच्छाओ का त्याग करना होता है, तभी इस ज्ञान को अपने अंदर समाहित करने में हम समक्षम हो पाएंगे। उक्त बातें कल्यानेश्वरी निवासी स्वर्ण पदक ग्रहता प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य संतोष कुमार पांडेय ने कही।
उन्हें बीते रविवार को आसनसोल के एसबी गोराई रोड स्थित षष्टि गोराई, नारायण गोराई स्मृति भवन में एनसी लहरी मेमोरियल गोल्ड मेडल के तहत ज्योतिष सम्राट (पश्चिम बंगाल) की उपाधि से नवाजा गया है। इसके साथ ही ज्योतिष प्रसार अवार्ड भी उन्हें दिया गया। यह सम्मान उन्हें रासडांगा एस्ट्रोलॉजी सोसाइटी द्वारा एक सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि चेन्नई से आए के. हरिहरन एवं विद्या हरिहरन के हाथों दिया गया।
इस बाबत आचार्या संतोष कुमार पांडे ने बताया कि सोलह वर्षों से ज्योतिष क्षेत्र में उनके द्वारा किए बेहतरीन कार्यों का ईश्वर की कृप्या से बहुत अच्छा फल मिला है। उन्होंने बताया कि रास डांगा एस्ट्रोलॉजी सोसाइटी द्वारा ज्योतिष विद्या पर प्रशिक्षण केंद्र संचालित किया जाता है, इसमें शिक्षा ग्रहण करने वालों के मध्य चार वर्षों के अंतराल में लिखित परीक्षा ली जाती है, उसमें उत्तरीन होने वालों का मौखिक परीक्षा होती है,
इस फाइनल मौखिक परीक्षा में जो प्रथम होते है, उन्हें ही ज्योतिष सम्राट गोल्डमेडल से सम्मानित किया जाता है। इस बार इस परीक्षा में 556 ज्योतिषाचार्य हिस्सा लिए थे, जिसमें सभी को पराजित करते हुये आचार्य संतोष कुमार पांडेय ने यह उपाधि हासिल की है। आचार्य संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि वे लंबे अरसे से ज्योतिष के साथ मानव सेवा करते आ रहे है।
इसी को देखते हुये उन्हें मानवाधिकार प्रोटेक्शन संस्था द्वारा पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार राज्य प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा धर्म मानव सेवा ही है और लोग अपने कर्मो के बदौलत ही सफलता एवं असफलता का स्वाद चखते है।
अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें
Copyright protected
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View