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कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल को लेकर ज्वांइट एक्शन कमिटी की सभा

बुधवार को कोयला उद्योग को बचाने के लिये और अपनी रोजी रोटी को सुरक्षित रखने के लिये कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने के लिये श्रमिक एकता के साथ सभी 5 केंद्रीय मजदूर संगठनों के अलावा कुछ स्थानीय मजदूर संगठनों ने हड़ताल में भागदारी की घोषणा करके इस हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।

खुट्टाडीह ओसीपी के महिला पुरुष श्रमिक को हड़ताल को सफल बनाने के लिये अभी से तैयारी में जुट जाये और अपने श्रमिक साथियो को हड़ताल में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने के लिये भी कहे खुट्टाडीह ओसीपी में बुधवार को संयुक्त संग्राम कमिटी के बैनर तले सभा के दौरान एचएमएस के कॉर्पोरेट नेता शबे आलम ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही ।

उन्होंने कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक कमर्शियल माइनिंग को बताया और कहा कि इसी हड़ताल में केंद्र की मोदी सरकार को सबक सिखा देने की जरूरत है ।बीएमएस के डी चटर्जी ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ कोयला उद्योग को बचाने और कोलकर्मियों की हितों को लेकर 2 जुलाई से 4 जुलाई तक हड़ताल को सफल बनाने के लिये एकजुट है ।

इंटक के सुनील कर्मकार ने कहा कि इंदिरा जी ने कोयला उद्योग में कार्य करने वाले कोलकर्मियों को आजादी देते हुए सरकारीकरण किया था ताकि उनका शोषण बन्द हो लेकिन केंद्र की जनविरोधी मोदी सरकार सबकुछ बेचकर उसमें कार्यरत श्रमिकों के रोजी रोटी छिनने का प्रयास कर रही है तो हम श्रमिकों को भी अपनी ताकत इस तीन दिनी हड़ताल में दिखाकर मोदी सरकार को बता दे की श्रमिकों के बदौलत ही सब कुछ है ,सीटू के पन्नालाल बनर्जी के अलावा इनमोसा के यूएस दूबे ,एटक के आरएस प्रसाद ने भी हड़ताल की सफलता को लेकर श्रमिकों को एकजुट होने की बात कही ।

इस दौरान मजदूर नेता अनिल सिंह ,अनिरुद्ध सिंह,रमेश सिंह,रूपचंद मंडल,महेंद्र सिंह ,समेत खुट्टाडीह ओसीपी के महिला पुरुष श्रमिक उपस्थित थे।

Last updated: जून 25th, 2020 by Pandaweshwar Correspondent