8 सितंबर को झरिया बाजार में काफी गहमा गहमी थी। महिलायेंं जिउतिया पर्व को लेकर काफी उत्साहित थी, बुधवार से नहाय -खाय के साथ यह पर्व की शुरूआत हो जायेगी। कई महिलायें सब्जी, भाजी, खरीदने में मसगुल थ, तो कुछ महिला जिउतिया धागा बनवाने में व्यस्त थी। कई महिलाओं से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह पर्व हम सब अपने जीवित पुत्र के लिए करती है ताकि उनकी आयु, और यश में वृद्धि हो।
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार बहुत जगह इस पर्व को खर-जिउतुया के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है। माताएँ इस पर्व में निर्जला उपवास रहकर भी अपने पुत्र के लिए सदा ही भला सोचती है। इसमें रक्षा सूत्र का भी बड़ा महत्त्व है।मान्यता है कि जितमोहन भगवान हर उस माँ के दुःख को हर लेते हैं जो थोड़ी सी भी इस उपवास के दौरान अपने को अपेक्षित महसूस कर रही होती है।
Last updated: सितम्बर 8th, 2020 by