झारखंड में बंगाली समुदाय के मतदाता है भ्रमित -विद्रोह मित्रा, झारखंड बंगाली समिति के प्रदेश अध्यक्ष
मधुपुर -लोकसभा चुनाव होने जा रही है । सभी पार्टी अपनी अपनी राजनीति तैयारी में जुटी हुई है। झारखंड की कुल जनसंख्या को देखते हुए बंगाली समुदाय के वोट बैंक को दरकिनार कर किसी भी पार्टी की प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित नहीं कि जा सकती है।
झारखंड में बंगाली समुदाय अवहेलना का शिकार बना हुआ है । कहने को बांग्ला भाषा को दूसरी राज्य भाषा का दर्जा दे दी गई पर उसके आगे कुछ नहीं सरकार द्वारा किया गया । ना समय-समय पर पढ़ने की किताब ना ही बंगाली छात्र-छात्राओं के लिए बंगला विषय को अनिवार्य विषय के रूप में अनिवार्य किया गया । जिला मुख्यालय अनुमंडल मुख्यालय के सूचना पट्ट में बांग्ला भाषा का प्रयोग भी नहीं किया जा रहा है।
सिर्फ चुनाव संबंधी कार्यों में बांग्ला भाषा का प्रयोग करने से यह समुदाय को लुभाया नहीं जा सकता । हर पहलू , हर समस्या पर सरकार को सोचना होगा । कभी इस भाषा के लोग झारखंड के हर चौक -चौराहों पर मिल जाया करते थे पर धीरे-धीरे पलायन पर विवश है । बांग्ला संस्कृति धरोहर झारखंड से विलुप्त हो रही है । उक्त बातें झारखंड बंगाली समिति के प्रदेश अध्यक्ष विद्रोह मित्रा ने कही है।