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झरिया — घनुवाडीह के गोफ नुमा गड्ढे में गिरे व्यक्ति के शव को एन डी आर एफ की टीम ने कड़ी मसक्क्त के बाद निकाला लोगों ने बी सी सी एल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जताया

झरिया — भूमिगत गोप में गिरे शख्स के शव को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर निकाला ग्रामीणों में प्रबंधन के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त,

झरिया के घनुवाडीह में गोफ में एक शख्स गिर गया था जिसकी तत्काल सूचना मिलते ही बीसीसीएल कोलियरी प्रबंधन ने जांच के लिए एक टीम भेजा था वहीँ टीम की पुष्टि के पश्चात आज पटना से पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने काफी कड़ी मशक्कत के बाद, गोफ में गिरे शख्स के शव को बाहर निकाल लिया हादसे में
मृत व्यक्ति की पहचान परमेश्वर चौहान के रुप में हुई है जो की इस भूमिगत गोफ में गिर गया था
मृतक परमेश्वर चौहान घनुडीह का रहने वाला था, जहां वह कोयला चुनकर अपनी आजीविका चलाता था. रोजाना की तरह शुक्रवार को भी वह कोयला चुनने गया था. इसी दौरान गांधी चबूतरे के पास बने गोफ के पास उसका पैर फिसल गया. शोर सुनकर मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई, गहराई अधिक होने की वजह से लोग उसे बचाने में नाकाम रहे. स्थानीय लोगों के मुताबिक मृतक परमेश्वर चौहान का पूरा परिवार बेलगड़ि़या टाउनशिप में रहता है. आजीविक के लिए वह घनुडीह में ही रहता था. हादसे की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए घटना के बाद बीसीसीएल प्रबंधन ने कोलियरी प्रबंधन और बचाव दल को मौके पर भेजा था किन्तु किसी की भी गॉफ में उतरने की हिम्मत नहीं हो पा रही थी जिसके बाद टीम पूरे मामले को लेकर बीसीसीएल प्रबंधन को अवगत कराया.तत्पश्चात पटना से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. भूमिगत आग के कारण रेस्क्यू आसान नहीं था. लगभग चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भूमिगत आग में गिरे व्यक्ति का शव को एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला. वहीँ एनडीआरएफ के अधिकारी ने कहा कि घटना स्थल पर किसी का भी उतर पाना संभव नहीं था, क्योंकि वहां लगभग 200 डिग्री सेल्सियस हीट थी. साथ ही साथ गैस रिसाव भी हो रहा था. ऐसे में जितनी दूरी से हो सकता था वहाँ से रेस्क्यू किया गया और मृतक के शव को बाहर निकाला गया. उन्होंने बताया कि शव का अधिकतर भाग जलकर खाक हो गया है. बचे हुए शरीर के हिस्से को ही कपड़ों के साथ बाहर निकाला जा सका हैँ,
बहरहाल मामला जो भी रहा हो किन्तु यहाँ तो एक बात साफ हो जाती हैँ कि कोयला ही एकमात्र झरिया का सहारा रह गया हैँ तभी तो एक आम इंसान अपनी और अपने परिवार की पेट की आग बुझाने के लिए ना जाने कितनी बार इस तरह से मौत के गाल में समाते रहेंगे और ना जाने अभी और कितनी अनहोनी झरिया को और देखना नसीब होगा??

Last updated: जुलाई 29th, 2023 by Arun Kumar