लोयाबाद 7 नंबर में जश्ने आसी पिया बड़े ही शानदार तरीके से मनाया गया। जश्ने आसी पिया मौके पर साहबे सज्जादा राशिद रज़ा आसवी की ज़ियारत के लिए लोगों का ताँता लगा रहा। यह जश्ने आसी पिया साहबे सज्जादा, ख़लीफ़ा-ए मुफ़्ती ए आज़मे हिन्द, शहज़ादा ए हुज़ूर फैज़ुल आरिफ़ीन अल्लामा शाह ग़ुलाम आसी पिया हसनी, अता ए रसूल अल्हाज मौलाना राशिद रज़ा आसवी की सरपरस्ती में सम्पन्न हुआ और दुआ ए ख़ैर की गई। उन्होंने कहा कि हज़रत आसी पिया रअ. के नक़्शे क़दम पर चलना चाहिए। ख़ादिम बनो, मख़्दूम बन जाओगे। मख़लूके ख़ुदा से बेपनाह मोहब्बत करो।
दो रोज़ा इस जश्ने आसी पिया में सिलवार शरीफ़ से आए हुए मौलाना गुफरान रज़ा साहब ने बुजुर्गानेदीन की शख्सीयत पर रौशनी डाली। पुरुलिया बंगाल के मौलाना ज़ाहिद उल कादरी ने सरकार आसी पिया की शान में मनकबत पेश किए।
नेपाल से आए हुए अल्लामा व मौलाना वसीम अख़्तर राशिदी ने कहा– “हमें बुज़ुर्गों से मोहब्बत रखना चाहिए। अल्लाह वाले अपने ऊपर कोई उधार नहीं रखते। हम कोई काम बुज़ुर्गों के लिए करते हैं, तो आपको उससे कहीं ज्यादा अता कर दिया जाता है। एक बार मदीना में हुज़ूर स.अ. ने फैज़ुल आरिफ़ीन अल्लामा शाह ग़ुलाम आसी पिया हसनी को ख़्वाब में एक बच्चा गोद में देते हुए फ़रमाया– ये बच्चा रुश्दो हिदायत करेगा…। यही बच्चा साहबे सज्जादा राशिद रज़ा आसवी हैं।” हमें इनकी क़द्र करने की ज़रूरत है, वरना हमें अपने दीन व दुनिया का नुक़सान उठाना पड़ेगा।”
गुरुवार शाम में मीलाद शरीफ़,हल्क़ा ए ज़िक्र और शब बेदारी हुई और सुबह शुक्रवार को कुरानखानी, हल्का -ए-ज़िक्र, कुल शरीफ और सिमा-महफिल आयोजित की गई। खानकाही क़व्वाली का सिलसिला देर तक चलता रहा। अकीदतमंद व सूफ़ियान, आसवी खानकाही क़व्वाली पर वज्द करते रहे। इसके बाद, लंगरे आम का आयोजन किया गया।
नवादा, बिहार से आए हुए क़व्वाल अज़हर साबरी ने अपने कलाम से लोगों को मदमस्त कर दिया। “ऐसे हैं मेरे रसूल…”, बरसत है रंग हसनी-हुसैनी, आसी पिया के आँगन में, “जब दिल की नज़र का पर्दा उठा,मत पूछिए क्या-क्या देख लिया…” कलाम सुनाकर लोगों को झूमाते रहे।
इस जश्ने आसी पिया में हाजी अब्दुल कुद्दुस, आसवी मकसूदुल हसन आसवी, ग़ुलाम गौस आसवी, मोoआज़ाद आसवी, निसार मंसूरी आसवी, जुल्फिकार आसवी, अतहर आसवी, जसीम आसवी, इकराम आसवी के अलावा महिलायेंं और बच्चे भी बहुत संख्या में मौजूद थे।