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उनके लिए अरबो की सौगात

अरबो-खरबों कमाये है

आसनसोल -फ़िलहाल पूरा देश आसमान छुती मंहगाई को लेकर चर्चा कर रहा है, विपक्षी विरोध कर रहे है और सत्ता पक्ष यह समझाने में सफल होने का प्रयास कर रहा है कि मंहगाई बढ़ाना काफी आवश्यक है. इसके बिना देश की उन्नति संभव नहीं. फिर भी एक पैसे की सौगात मिल ही गई. जबकि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में बढ़ोत्तरी कर केंद्र और राज्य सरकारों समेत कम्पनियाँ अरबो-खरबों कमाये है, फंसे तो है माध्यम और निम्न वर्ग के लोग,जिनकी जेबे वर्तमान समय को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. लेकिन कोई विकल्प भी तो नहीं है. ये तो हुई आम बातें जो हर नुक्कड़ पर चर्चा करते लोग मिल जा रहे है.

नेताओं की रईसी पर पैसे बर्बाद हो रहे है

अहम् बातें तो कुछ और ही है. हमलोगों में अधिकांश को तो एक पैसे की सूरत तक याद नहीं होगी और हमारे युवाओं ने तो शायद देखा भी नहीं होगा. फिर भी आज एक पैसे का महत्त्व समझ में आ गया कि जनता के लिए आज भी एक पैसे का महत्त्व बहुत है. लेकिन क्या सत्तासीन लोग या यूँ कहे कि राजनेताओं के लिए करोड़ो-अरबो भी बहुत कम है. क्योंकि हमारे सभी सांसद, विधायक, मंत्री और पूर्व सांसद-विधायक पर रोजाना के हिसाब से तीन करोड़ तैंतीस लाख रुपये खर्च हो रहे है. तो राज्यपालों पर प्रतिदिन 30 लाख रुपये खर्च हो जाते है, जबकि इसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों पर होने वाले खर्चे नहीं जोड़े गए है. कहने का तात्पर्य यह है कि पेट्रोल-डीजल और गैस पर देश की सत्तर प्रतिशत आबादी निर्भर करती है,लेकिन इसके मूल्यों में वृद्धि की जा रही है. इसके विपरीत नेताओं की रईसी पर पैसे बर्बाद हो रहे है. यदि उसमें कटौती कर दी जाए तो देश के राजस्व को काफी लाभ होगा और आम जनता को अतिरिक्त बोझा भी नहीं ढोना पड़ेगा.

Last updated: जुलाई 15th, 2018 by News Desk