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जैविक खेती से केमिकलमुक्त सब्जी देना उदेश्य

जैविक खेती

रानीगंज -व्यवसाई पुत्र एवं उद्योगपति सुनील गनेरीवाला ऑर्गेनिक व जैविक खेतीबारी कर एक नया मिशाल इस कोयलांचल शिल्पांचल को प्रेरणा के रूप में दे रहे हैं। हजारों पढ़े लिखे युवाओं को एक संदेश दे रहे हैं की उद्योग ही नहीं बल्कि कोई भी एक उत्तम और सम्मानजनक व्यवसाय हो सकती है। उन्होंने बताया कि करीब एक वर्ष पहले मेजिया गाँव में 6 हेक्टर जमीन पर उन्होंने जैविक विधि से सब्जियों की खेती का कार्य शुरू किया था। इस कार्य में मेरा पुत्र अंकित पुणे से एमबीए व शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर मेरे कारोबार में संलग्न हुए और उद्योग भी स्थापित किया, मेरे इस मिशन में भी सहयोगी बन गए। नित्य नए तौर-तरीके कृषि के आयाम बयान, लोगों को ऑर्गेनिक भोजन अच्छी गुणवत्ता ,स्वाद और स्वास्थ्य वर्धक प्रदान करने के लिए तकनीकी जुगाड़ अध्ययन भी करते रहे। नित नई जानकारी भी मुझे प्रदान कराते रहे। इससे मेरा और भी मनोबल बढ़ता गया पल दो पल के लिए कभी-कभी निराश भी हुआ जब बेमौसम बारिश आंधी तूफान आई लेकिन प्राकृतिक से लड़ने की क्षमता भगवान अब तक मुझे दे रखी है यही वजह है कि मैं आगे बढ़ रहा हूँ और मुझे फल भी मिल रहा है। कहा कि इस कार्य को करने से उन्हें मानसिक शांति मिल रही है एवं खुशी मिलती है। प्रतिदिन सुबह मेजिया ग्राम जाते हैं एवं सब्जियों की देखभाल सही रूप से हो इसका ध्यान रखते हैं। उचित मूल्य पर इन सब्जियों को आर्डर के मुताबिक घर तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ आज डिमांड इतना अधिक हो चुका है कि सभी को सब्जियाँ नहीं दे पाता हूँ इस काम में अब तक मैंने 14 -15 युवाओं को काम भी दिया हूँ और जैसे-जैसे काम बढ़ेगी लोगों को अवसर भी दूंगा। इतना ही नहीं उन्होंने मोबाइल फोन में एक व्हाट्सअप ग्रुप बना रखा है। जिसमें रानीगंज के करीब 500 लोगों के घर ऑर्डर ली हुई सब्जियाँ पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक सब्जी उत्पादन करके उनका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है बल्कि लोगों को बाजारों से केमिकल वाली सब्जी नहीं खरीदना पड़े इसलिए यह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने फार्म का नाम नेचुरल ग्रीन एग्रो फार्म रखा है। जिसमें रानीगंज के उद्योगपति, व्यवसाई से लेकर डॉक्टर, इंजीनियर एवं आम लोगों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि रानीगंज सहित आसपास में गौ-गोवर की कमी नहीं है आसानी से यह गोबर मिलती है वहीं उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं मानता हूँ कि कृषि क्षेत्र से उद्योग के क्षेत्र में हजारों लोग, युवा वर्ग कारोबार के लिए जाते हैं लेकिन मैं उद्योगिक क्षेत्र से कृषि के क्षेत्र में इसलिए प्रवेश कर रहा हूँ कि मैं देख रहा हूँ की कृषि में आज संभावनाएं काफी अधिक है यदि इस क्षेत्र में पढ़े लिखे युवा वर्ग प्रभावित होकर थोड़ा बहुत भी आते हैं तो मैं समझता हूँ कि मेरा मिशन सफल हो गया वैसे भी मैंने प्रेरणा लिया है अपने चाचा ओम प्रकाश गनेरीवाला से आज भी वह ऑर्गेनिक पद्धति से पेड़ पौधे फल फूल सभी लगाते हैं और बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना दिया है।

Last updated: अप्रैल 22nd, 2018 by Raniganj correspondent