नई दिल्ली।पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड ने मोहम्मद जुबैर के फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता के पत्रकार द्वारा सरकार के खिलाफ भविष्य में न लिखने के शर्त के साथ जमानत देने का अनुरोध किया था। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने पत्रकारो को कुछ कहने या लिखने से नहीं रोकने की व्यवस्था देते हुए कहा कि यह बिल्कुल वैसा होगा कि हम एक वकील से यह कहे कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का यह वक़्तव्य काफी अहम हैं यह निर्णय लोकतंत्र को मजबूत करने का स्तंभ है वहीँ इस निर्णय से एक पत्रकार के अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर एक कड़ी की भांति काम करने की ओर और प्रेरित करेगा
जैसे कोर्ट में एक वकील को बहस करने से नहीं रोक सकते ठीक वैसे ही एक पत्रकार को कुछ लिखने से नहीं रोका जा सकता हैँ,,सुप्रीम कोर्ट

Last updated: जुलाई 24th, 2022 by