Site icon Monday Morning News Network

इस्को इस्पात संयंत्र के डिप्लोमा इंजीनियर्स ने किया प्रस्तावित पदनाम का विरोध प्रदर्शन

शुक्रवार शाम को बर्नपुर डिप्लोमा इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य ने सेल कॉर्पोरेट मैनेजमेंट के द्वारा प्रस्तावित पदनाम के विरोध किया गया। डेफी (डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन अॉफ इस्पात) के तत्वाधान में सेल की प्रत्येक यूनिट में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था । उसी संदर्भ में आईएसपी में भी डिप्लोमा इंजीनियर्स द्वारा शुक्रवार शाम को टनेल गेट पर एक विशाल धरना प्रदर्शन तथा विरोध सभा का आयोजन किया गया ।

सेल मैनेजमेंट द्वारा गत १५ फरवरी को प्रस्तावित पदनाम पर असंतोष व्यक्त किया गया । विदित हो कि यूनियन तथा सेल कॉर्पोरेट मैनेजमेंट की जूनियर इंजीनियर पदनाम हेतु गठित कमिटी द्वारा डिप्लोमा इंजीनियर्स को जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट , इंजीनियरिंग एसोसिएट, तथा सीनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट जैसे अतर्कसंगत पदनाम एनजेशिएस कि पाँचों यूनियन के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तावित किए गए हैं । इस प्रकार के फैसले से सेल -इस्को इस्पात संयंत्र सहित सभी यूनिट के डिप्लोमा इंजीनियर्स में भारी रोष व्याप्त है।
एसोसिएशन के महासचिव मनोज कुमार कर ने यूनियन के प्रतिनिधियों को बताया, पिछले कई वर्षों से डिप्लोमा इंजीनियर्स द्वारा एंट्री लेवल से जूनियर इंजीनियर पदनाम की मांग की जा रही है और यह कोई नई या ऐसी मांग नहीं है जिसे पूरा करने में किसी नियम का उल्लंघन होता हो। अन्य पीएसयू , केंद्र तथा राज्य सरकार के संस्थानों यहाँ तक कि प्राइवेट संस्थानों में भी डिप्लोमा इंजीनियर्स को एंट्री ग्रेड से ही जूनियर इंजीनियर का पदनाम दिया जाता है। सेल में एसोसिएट जैसा पदनाम प्रस्तावित करना ही न सिर्फ डिप्लोमा इंजीनियर्स की सामाजिक प्रतिष्ठा को चोट पहुँचाता है वरन सेल जैसी महारथ्न कंपनी के नीति नियंताओं की सोंच पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है।

गत १५ फरवरी प्रस्तावित पदनाम का जानकारी आने के बाद इस्को इस्पात संयंत्र के सभी पाँचों यूनियन के प्रतिनिधियों और इस्को मेनेजमेंट के साथ एसोसिएशन ने अपने मांग को लेकर विचार-विमर्श किया। पाँचों यूनियन और इस्को मेनेजमेंट ने एसोसिएशन का मांग उचित ठहराया और सम्मानजनक पदनाम देने के लिए कॉर्पोरेट कार्यालय पर दबाव देने का वादा भी किया। साथ ही सभी यूनियन अपने अपने एनजेसीएस यूनियन प्रतिनिधियों को उचित पदनाम के लिए सूचना देने का बात कही।

धरना प्रदर्शन के बाद डायरेक्टर पार्सोनेल को भेजा गया विरोध पत्र, जिसमें डिप्लोमा इंजीनियर्स की वर्तमान स्थिति तथा इस प्रस्तावित पदनाम से उनमें व्याप्त असंतोष से अवगत कराया गया और सम्मानजनक पदनाम देने के लिए कहा गया। आने वाली एनजेसीएस की मीटिंग में सभी यूनियन के इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाने के लिए कहा गया।

प्रदर्शन तथा विरोध प्रदर्शन में डेफी के अतिरिक्त महासचिव शांतनु सेनगुप्ता, एसोसिएशन के महासचिव मनोज कुमार कर, गोतम नन्दी, लब कुमार मान्ना, राकेश कुमार, मीर मुसार्रफ अली, कल्यान बारिक, शशी कुमार, नरेश झा, दीपंकर दे, गोपाल मिश्र, द्युती संकर बेहेरा, जौहर अली, कृष्ण कांत सिंह, प्रणव ब्यानार्जी, सुरजीत चौधुरी, प्रवीन कुमार, आलोक रंजन गीरी, अनुराग प्रकाश, संजीत बनर्जी, शीशीर मण्डल, उदयनाथ सेठी आदि उपस्थित थे।

Last updated: फ़रवरी 21st, 2020 by News-Desk Asansol