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करोड़ों की लागत के सड़क निर्माण में घोर अनियमिता , ग्रामीणों ने रोका काम

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काम रोककर विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण

गोमो : तोपचांची प्रखण्ड के जीतपुर पंचायत में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रेलवे फाटक से राजबागान तक बनने वाली 1800 मीटर की सड़क निर्माण कार्य में घोर अनियमितता का आरोप लगाते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने निर्माण कार्य बंद करवा दिया । इधर ठेकेदार ने ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की धमकी भी दी गई है ।

सतीश कुमार (पूर्व मुखिया -जीतपुर ) ने बताया कि करोड़ों की लागत से ग्रामीणों की सुविधा के लिए सड़क निर्माण कराया जा रहा है लेकिन ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में घोर अनियमितता की जा रही है ।

सड़क निर्माण में सड़क के किनारे सिर्फ डस्ट भरा जा रहा है । साथ ही सड़क के बीच में बनने वाली पुलिया के निर्माण में बी सी सी एल का रिजेक्ट पत्थर लगाने का काम किया जा रहा है ।

सीमेंट बालू के मिश्रण में भी काफी अनियमितताएं बरती जा रही है । साथ ही सड़क निर्माण के दौरान संबंधित विभाग के इंजीनियर साइड पर कभी मौजूद ही नहीं रहते । ऐसे में करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़क के निर्माण में संवेदक द्वारा खुलेआम अनियमितता बरती जा रही है । साथ ही ठेकेदार से शिकायत करने पर ठेकेदार द्वारा एफ आई आर करने की धमकी दी जा रही है ।

जगदीश चौधरी ( केंद्रीय सचिव ,झामुमो ) ने बताया की जनता की पैसों का सरासर दुरूपयोग देखना है तो लालूडीह सड़क निर्माण को देखा जाए, क्योंकि इस सड़क के निर्माण में ठेकेदार द्वारा खुलेआम घोर अनियमितता की जा रही है । सरकार के इस सिस्टम को रोकने टोकने वाला कोई नहीं, कोई रोकने जाता है तो संबंधित संवेदक द्वारा उसपर प्राथमिकी दर्ज कराने की धमकी दिया जाता है ।

इधर संवाददाताओं ने निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे जूनियर इंजीनियर प्रीतम जी से बात करनी चाही और निर्माण कार्य से संबंधित वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया गया तो इंजीनियर साहब ने आरोपों के बारे में कुछ भी बोलने से परहेज किया । सिर्फ इतना कहा कि वे आरोपों की जाँच करेंगे, सही पाए जाने पर ठेकेदार को दुबारा से निर्माण कार्य करना पड़ेगा ।

निर्माण स्थल पर निर्माण कार्य को देखकर ठेकेदार द्वारा की जा रही अनियमितता साफ देखी जा सकती है। पुलिया निर्माण में बी सी सी एल द्वारा रिजेक्टेड पत्थरों का इस्तेमाल साफ देखा जा सकता है साथ ही निर्माण स्थल पर जे ई साहब भी कभी नहीं दिखे हैं ।

Last updated: मार्च 30th, 2019 by Nazruddin Ansari