वैसे तो बीते 25 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 25 फरवरी को ही नयी दिल्ली में “नेशनल वार मेमोरियल ” का उद्घाटन करते हुये इसे पुलवामा के शहीदों समर्पित किया था लेकिन केवल पुलवामा शहीदों को समर्पित देश का संभवतः पहला पुलवामा शहीद स्मारक का उद्घाटन रविवार 29 सितंबर को प० बंगाल जिला प0 बर्द्धमान के पाण्डेश्वर के शीतलपुर में हुआ । नयी दिल्ली स्थित इंडिया गेट के तर्ज पर बने हुये इस मेमोरियल में इंडिया गेट के ही तरह पुलवामा शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं ।
भाजपा छोड़ तृणमूल में आए एवं तृणमूल में अहम भूमिका निभा रहे कर्नल दीप्तांशु चौधुरी, पाण्डेश्वर विधायक जितेंद्र तिवारी, बहुला ग्राम पंचायत प्रधान बीरबहादुर सिंह, पंचायत समिति सदस्य मदन बाउरी, रबिबुल इस्लाम सहित काफी संख्या में उपस्थित नेतागण, तृणमूल कार्यकर्ता एवं आम लोग इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने । स्मारक उद्घाटन के बाद गरीब लोगों में वस्त्र वितरण भी किया गया ।
कर्नल दीप्तांशु चौधरी एवं विधायक जितेंद्र तिवारी के विशेष पहल से ही इस मेमोरियल का निर्माण किया गया ।
सभा को संबोधित करते हुये विधायक जितेंद्र तिवारी ने कहा कि हमलोग इन्हीं सैनिकों के बदौलत अपने घरों में चैन से सोते हैं । पूरा देश इन सैनिकों का ऋणी है । हमारे लिए ही इन शहीदों ने अपनी कुर्बानी दी ।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुये आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे तथा करीब 35 जवान घायल हुये थे । इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था । पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना ने 26 फरवरी को बालाकोट हवाई हमला करके आतंकी ठिकाने को नष्ट कर दिया था ।
उस वक्त तृणमूल सहित देश की लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने पुलवामा हमले को चुनावी फायदे के लिए नरेंद्र मोदी की साजिश बताई थी । हालांकि बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और वे अपने बयान से पीछे हट गए ।