सुविधा से वंचित हैं लॉकडाउन में सप्लाई चेन के असली हीरो रेलवे मालगोदाम के श्रमिक

25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन कि घोषणा की गयी । आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी तरह के व्यवसायिक क्रियाकलाप बंद कर दिये गए । रेलवे की यात्री सेवा पूरी तरह से ठप है लेकिन मालगाड़ी सेवा को चालू रखा गया है ताकि जरूरी वस्तुओं की सप्लाई चेन बनी रहे है । रेलवे के माल गोदामों में सामानों की लोडिंग – अनलोडिंग जारी है और इस काम में लगे हैं मालगोदाम मजदूर ।

रेलवे के मालगोदाम मजदूर मुख्य रूप से असंगठित मजदूर की श्रेणी में आते हैं और देश के बाकी असंगठित मजदूरों की तरह इनकी हालत भी दयनीय है। मालगोदाम श्रमिकविषम परिस्थिति में किस तरह बिना किसी सुविधा के काम कर रहे हैं ।

खानापूर्ति के लिए उन्हें एक साधारण मास्क दे दिया गया है जो कि कोरोना वायरस रोकने के लिए काफी नहीं है । उनके साईडिंग में न तो पीने की पानी की व्यवस्था है , न सोने की और न खाने की । कड़ी धूप में दो मिनट सुस्ताने के लिए पेड़ की छांव के अलावा उनके पास कोई स्थान नहीं है और कई साइडिंगो में तो एक पेड़ तक नहीं होते हैं ।

लॉकडाउन की इस आपात स्थिति में किसी चिकित्सक के होने की तो बात करना ही बेमानी है जबकि इस आपात स्थिति में देश की सप्लाई चेन के बनाए रखने में इनका योगदान किसी भी रूप में उन चिकित्सकों से कम नहीं है जो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं या फिर सीमा पर तैनात जवानों की तरह।

ये मजदूर भी अपने घर परिवार से दूर रेलवे साईडिंग के आस-पास ही किसी छोटी सी झोंपड़ी में समूहों में गुजारा करते हैं जबकि रेलवे को सबसे अधिक आमदनी माल गाड़ी से होती है और मालगोदाम के मजदूर इस आमदनी का प्रमुख जरिया हैं ।

मालगोदाम के इन सुविधाविहीन श्रमिकों के लिए भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ वर्षों से लड़ाई लड़ रहा है । एक बार फिर माल गोदाम के इन श्रमिकों को उनका अधिकार दिलाने के लिए इस संघ के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण कुमार पासवान ने रेलमंत्री पीयूष गोयल एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस संकट की घड़ी में माल गोदाम श्रमिकों के योगदान को याद दिलाया है , साथ ही उन्होने इन श्रमिकों के सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को ठीक से लागू करवाने की अपील की ।

अपने पत्र में उन्होने लिखा कि हम अभिवादन करना चाहते हैं भारत सरकार का, कि कोरोना वायरस को पूरे देश में फैलने से रोकने के लिए सरकार ने जिस तरह से दृढ़ सिद्धांत लिए है वह प्रशंसनीय है ।

भारत सरकार ने जब इस आपातकालीन परिस्थिति में भी पूरे देश की आपूर्ति श्रृंखला को सही तरीके से बरकरार रखने के लिए रेलवे मालगाड़ी को चलाने की सिद्धांत लिया तब सारे देशवासी को भारतीय रेलवे माल गोदाम में काम करने वाले श्रमिकों के महत्त्व के बारे में पता चला होगा ।

जो श्रमिक भारतीय रेलवे के जन्म के समय से आज तक समस्त सरकारी सुविधाओं से वंचित रहे हैं , वही रेलवे माल गोदाम के श्रमिक आज देश की कठिन परिस्थिति में अपनी जान की परवाह ना करते हुए मैदान पर उतर कर काम कर रही है ।

इस महामारी के चलते, रेलवे माल गोदाम में मजदूरों की निजी सुरक्षा बरकरार रखते हुए काम करने के लिए रेलवे मंत्रालय सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए । हमें पूर्ण विश्वास है कि जल्द से जल्द रेलवे मंत्रालय के माध्यम से सभी श्रमिकों को काम करने के लिए सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाया जाएगा ।

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Last updated: मार्च 30th, 2020 by News Desk Monday Morning
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