किसान सभा के नेता परसुराम महतो ने कहा कि 25 सितंबर को भारत बंद किसान विरोधी जनविरोधी तीन विधेयकों को लोकसभा से पास कराने के बाद मोदी सरकार कल इन्हें राज्यसभा में लाने को अमादा है, क्योंकि निशाना एक नंबर मंडी और एमएसपी को तोड़ने की है ताकि किसानों का पैदावार लूटा जा सके। दो नंबर ठेका खेती लाने ताकि किसानों की जमीन कंपनी के पास जाने का रास्ता खुल जाए और तीन नंबर अनाज तिलहन दलहन और आलू प्याज चावल की जमाखोरी सीमा खत्म करने ताकि किसानों से ओने पुणे दाम पर खरीदकर जमाखोरों खोरी के माध्यम से कीमत बढ़ाकर आम उपभोक्ताओं को लूटा जा सके। यह तीन विधेयक कानून बन जाने पर देश के किसानों और कृषि क्षेत्र को तो बर्बाद करेगा ही खरीद कर खाने वाले आम उपभोक्ताओं को भी जमाखोरों के हवाले कर देगा ।
सरकार का इरादा मंडी अब लिख एमएसपी को तोड़ने के बाद सर्वजनिक वितरण प्रणाली अवनी सस्ते राशन की दुकान हो को तोड़ना है क्योंकि सरकार किसानों से मंडियों की खरीद खरीद की ही नहीं तो राशन की दुकानों में आना आज आएगा कहाँ से इस कोरॉना कॉल और मन माना लॉकडाउन के कारण जब सारे आर्थिक क्षेत्र अस्त व्यस्त होकर घाटे में चले गए हैं। जीडीपी लगभग 24% तक नीचे चला गया है। ऐसी स्थिति में यह अन्नदाता और कृषि क्षेत्र ही था, जिसने सरकार की तमाम आर अक्षर वालों के बावजूद आम लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता बनाए रखा जिसके बल पर प्रधानमंत्री 5 किलो अनाज और 1 किलो चना देने का ऐलान कर अपनी पीठ ठोकते रहे आपदा को अवसर में बदलने का नारा देकर देश के तमाम संसाधन को रेल तेल भेल गैस कॉल कॉर्पोरेट के हवाले करने का और मनमाना चटनी का जो जनविरोधी राष्ट्र विरोधी काम लगातार मोदी सरकार किए जा रही है।
उन्होंने अब किसानों और कृषि को निशाना बनाया है विरोध के किसी भी करवाई को पुलिस दमन से तानाशाही तरीके से दबाने की कोशिश हो रही है। जन नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। हम सांप्रदायिक और राष्ट्रीय एकता को कायम रखते हुए इस व्यापक जन आंदोलन को सरकार के निजी करण और कोऑपरेटिव के मोहित मोहित को प्राप्त करने तक संघर्ष करेंगे। इसी आलोक में दिनांक 25 सितंबर को अखिल भारतीय किसान सभा तोपचांची अंचल कमिटी किसान सभा के धनबाद जिला संयुक्त सचिव परशुराम महतो के द्वारा विरोध दर्ज किया जाएगा।