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भारत विविधताओं का देश है, अपनी संस्कृति और परम्पराओं के लिए दुनिया भर में अलग पहचान रखती है-मुकुंद साव

भारत विविधताओं का देश है, एकता में अनेकता का संदेश देता यह देश अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए दुनिया भर में अलग पहचान रखता है। यहां कई भाषाएं और बोलियां प्रचलित हैं।लोग यहां अपनी सुविधा और संस्कृति के हिसाब से भाषा का चुनाव करते हैं भारत में यूं तो कई भाषाएं बोली जाती है लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है जो देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक देश में करीब 44 फ़ीसदी लोग हिंदी का इस्तेमाल करते हैं। ज्यादातर भारतीयों की मातृभाषा हिंदी भले ही देश की राष्ट्रभाषा न बन पाई हो। लेकिन बावजूद इसके हिंदी देश के आधे से ज्यादा भाग को जोड़ती है, हिंदी की इसी उपयोगिता को दर्शाने के लिए हर साल 10 जनवरी को पूरे विश्व में हिंदी दिवस मनाया जाता है, उक्त बाते आज विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर चौपारण में प्रखंड साक्षरता समिति द्वारा आयोजित बैठक में प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक मुकुंद साव बोल रहे थे, मौके पर उन्होंने विश्व हिंदी दिवस की इतिहास को बताते हुए कहा कि इस इस दिवस को मनाने का मकसद हिंदी का प्रचार प्रसार है सबसे पहले 10 जनवरी 1975 को महाराष्ट्र के नागपुर में पहला हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया था, उस दौरान 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे बाद में साल 2006 में निर्णय लिया गया कि हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाएगा और उस समय से प्रतिवर्ष हर 10 जनवरी को पूरे विश्व में हिंदी दिवस मनाया जाता है, हिंदी हमारी मातृभाषा है हमको सारे कार्य हिंदी में करनी चाहिए, हिंदी इस समय विश्व में तेजी से उभरती हुई है भाषा है दुनिया भर में 60 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी भाषा बोलते हैं, यही वजह है कि अंग्रेजी और मंदारिन चीनी भाषा के बाद हिंदी दुनिया भर में तीसरी सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा है। भारत के अलावा विदेशों में भी हिंदी बोली जाती है इन देशों में मॉरीशस, फिजी, सुरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, टोबैगो और नेपाल देश आदि शामिल है मुकुंद साव ने सभी साक्षरता कर्मियों सहित सभी शिक्षा जगत के लोगो से अपील किया है कि हम सब हिंदी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करे। सर्वाधिक कार्य हिंदी में करे क्योंकि हिंदी हमारी मातृ भाषा है, बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ साक्षरता कर्मी बालेश्वर साव ने किया जबकि संचालन वरिष्ठ साक्षरता कर्मी रामसेवक कुमार दांगी ने किया। बैठक में रंजित कुमार यादव, सुखदेव यादव, शारदा देवी, बालेश्वर साव, मैना देवी, ज्योति देवी, जयमनी देवी, माधवी सिन्हा, रामसेवक कुमार दांगी, कृष्ण कुमार साव, नीलम देवी, आशा रंजन, अशोक कुमार गुप्ता, पुष्पा देवी, मीना देवी, प्रतिमा देवी, शहजादी खातून सहित सैकड़ों साक्षरता कर्मी उपस्थित थे।

Last updated: जनवरी 10th, 2023 by Aksar Ansari
Aksar Ansari
Correspondent Chouparan (Hazaribag, Jharkhand)
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