Site icon Monday Morning News Network

रात के अंधेरे में बहला-फुसला वार्ड से बाहर ले जा कर एंबुलेंस चालक ने किया युवती के साथ दुष्कर्म

धनबाद । जिस एंबुलेंस चालक पर मरीजों की जान बचाने के लिए नियत समय पर अस्पताल पहुँचाने की जिम्मेवारी है, जब शैतान बन जाए, तो भला मरीज क्या करेगा? रविवार की देर रात एसएनएमएमसीएच के फीमेल मेडिसिन वार्ड में इलाजरत विक्षिप्त युवती के साथ दुष्कर्म होने का मामला प्रकाश में आया है।

घटना के संबंध में बताया जाता है कि रविवार-सोमवार की देर रात एसएनएमएमसीएच के फीमेल मेडिसिन वार्ड में इलाजरत अर्ध विक्षिप्त युवती को निजी एंबुलेंस चालक संजय दास और उसका एक सहयोगी चाय दुकानदार ने अपने हवस का शिकार बनाया! वार्ड में भर्ती मरीजों ने बताया कि युवती को रात के अंधेरे में संजय दास नामक निजी एंबुलेंस चालक ने बहला-फुसलाकर उसे वार्ड से बाहर ले गया। जिसके बाद उसने अपने एक सहयोगी के साथ घटना को अंजाम दिया।

जिसके बाद काफी हो-हल्ला हुआ। मामले की सूचना पाकर सरायढेला पुलिस अस्पताल पहुँची और घटना के बाबत छानबीन किया। इस बीच मौका पाकर आरोपी एम्बुलेंस चालक संजय दास फरार हो गया। जबकि अस्पताल परिसर में ही चाय बेचने वाला एक दुकानदार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। घटना के बाबत छानबीन चल रही है।

मामले में एसएनएमएमएच के अधीक्षक डॉ० अरुण चौधरी ने बताया कि रविवार की रात की 11:30 बजे दो युवक ने एक गूंगी तथा विक्षिप्त युवती को फीमेल वार्ड से भला-फुसलाकर कहीं ले गए थे। जिसके बाद वार्ड में नियुक्त कर्मियों ने उसकी खोजबीन शुरू की तो वह वार्ड की तरफ आते देखी। युवती की मेडिकल जाँच की जाएगी। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है।

इस मामले में धनबाद विधायक राज सिन्हा ने बताया कि राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है। महिलाओं की सुरक्षा पूरे प्रदेश स्तर पर खतरे में है। जबकि एसएनएमएमसीएच परिसर में अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। स्थानीय प्रबंधन तथा थाना इस बाबत कोई ठोस कदम नहीं उठाती है। जिसके वजह से अस्पताल में आए दिन घटनाएं घट रही है। उन्होंने कहा कि कई असामाजिक तत्व एंबुलेंस चालक के रूप में परिसर में मंडराते रहते हैं, जिनका ना तो ड्राइविंग लाइसेंस है और ना ही उनकी पहचान। ऐसे में प्रबंधन और जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में अस्पताल जैसे स्थान पर किसी प्रकार की अमानवीय तथा गलत घटना नहीं घटे।

Last updated: जुलाई 12th, 2021 by Arun Kumar