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न्यायाधीश उत्तम आनंद मौत मामले में लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी को निलंबित, कुछ पुलिस प्रशासन भी संदिग्ध के दायरे में

धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद मौत मामले में लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। एसएसपी संजीव कुमार ने पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पाथरडीह थाना प्रभारी ने न सिर्फ लापरवाही बरती, बल्कि उन्होंने ऑटो चोरी का फर्जी एफआईआर भी दर्ज किया।

न्यायाधीश मौत मामले में आहिस्ता-आहिस्ता तथ्यों पर से पर्दा उठाने लगा है। जैसे-जैसे पुलिस अपना अनुसन्धान आगे बढ़ा रही है वैसे-वैसे झूठ और सडयंत्र पर पड़े धूल अब साफ़ होने लगे है। जज उत्तम आनंद मौत मामले में जिस ऑटो से टक्कर मारी गई थी, उस ऑटो की मालकिन सुगनी देवी के पति रामदेव लोहार को पुलिस ने शनिवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया। घटना के दूसरे दिन से फरार ऑटो मालिक रामदेव लोहार को पुलिस ने पाथरडीह के जंगल से पकड़ा है। ठीक उसके दूसरे दिन रविवार यानि कि आज पाथरडीह थाना के प्रभारी उमेश मांझी को भी एसएसपी ने निलंबित कर दिया।

दरअसल जज को धक्का मारने वाला ऑटो की मालकिन का घर पाथरडीह थाना क्षेत्र में ही है। इतना ही नहीं गिरफ्तार चालक और उसका सहयोगी भी इसी इलाके के है। ये तो हो गई थाना प्रभारी द्वारा लापरवाही बरतने की बात। अब हम आपकों बताते हैं उस ऑटो चोरी के एफआईआर के बारे में जिसमें से किसी षडयंत्र की बू आ रही है।

सुगनी देवी के ऑटो से जज उत्तम आनंद को 28 जुलाई की सुबह 05:08 बजे धक्का मारा गया था। उसी रात यानि 27 जुलाई की रात में सुगनी देवी का ऑटो चोरी होता है। इसकी प्राथमिकी पाथरडीह थाने में दर्ज होती है। घटना के दूसरे दिन यानि 29 जुलाई को ऑटो मालकिन सुगनी देवी और उसका पति रामदेव लोहार मिडिया के सामने आकर अपना ऑटो चोरी हो जाने की बात कहते है और एफआईआर दर्ज कराने के सवाल पर उसी दिन यानि 29 जुलाई को थाना जाने की बात कहते है।

Last updated: अगस्त 1st, 2021 by Arun Kumar