बिहार व मिजोरम की तरह पश्चिम बंगाल में भी शराब बंद होना चाहिए
दुर्गापुर: बिहार और मिजोरम की तरह ही पश्चिम बंगाल में भी शराब बंद होना चाहिए और कहाँ की शराब नहीं शिक्षा प्रसार चाहिए,शराब नहीं खाद्य सामग्री चाहिए शराब नहीं , युवाओं की नौकरी चाहिए , भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए । यह मांगों को लेकर एसयूसीआई ने शुक्रवार को सिटी सेंटर बस पड़ाव से एक जुलूस निकाला । जो जुलूस सिटी सेंटर बस स्टैंड से शुरू होकर पूरे इलाके में परिक्रमा कर महकमा कार्यालय के सामने पहुँची और विरोध प्रदर्शन किया और वहाँ कुछ दस्तावेज को जलाया गया । जुलूस का नेतृत्व पश्चिम बर्द्धमान दुर्गापुर लोकसभा सीट से एसयूसीआई प्रार्थी सुचेता कुंडू ने दिया ।
जुलूस पूरे सिटी सेंटर इलाके के परिक्रमा करने के बाद दुर्गापुर महकमा शासक कार्यालय के समक्ष पहुँची । सुचेता कुंडू ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस राज्य में शिक्षा,खाद्य,नौकरी पर बढावा न देकर शराब का लाईसेंस देकर बढावा दे रहे है।यहाँ तक यह सरकार शराब से हुए लोगों की मौत का मुआवजा भी दे रहे है।जो कि बहुत ही शर्मनाक है ।बिहार के मुख्यमंत्री ने शराब बिक्री पर रोक लगते हुए कितने घरों को बर्बाद होने से बचा लिया है लेकिन यह सरकार कितने गरीब घर को बर्बाद कर रहे है।
राष्ट्रीय राज मार्ग के पाँच सौ मीटर के दायरे पर शराब दुकान पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगाया है इसके बावजूद भी सड़क के विभिन्न जगहों पर खुलेआम शराब का ढाबा खुलेआम चल रहा है । शराब दुकान हर चौराहा पर खुलेआम चल रही है जिससे युवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है । आपराधिक घटनाएं बढ़ रहा है । सरकार शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए शिक्षा,खाद्य और नौकरी पर विशेष ध्यान दें ।