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तालाब को भर कर बना रहे थे मकान , तोड़ने गए अधिकारी को दिखाई दबंगई

आसनसोल : वार्ड संख्या 21 अंतर्गत शेर तालाब के निकट तालाब की जमीन को भरकर जबरन चल रहे अवैध निर्माण को तोड़ने गये नगर निगम अधिकारियों को स्थानीय वीरु खान एवं उसके समर्थकों के विरोध का सामना करना पडा.

वीरू खान के समर्थकों ने निगम अधिकारियों, जेसीबी चालक, सेनिटरी विभाग के कर्मचारियों को घेर लिया और उन्हें भारी फजीहत का सामना करना पडा. परंतु निगम अधिकारियों के सख्त रवैये के कारण अवैध निर्माणकारियों को झुकना पडा.

निर्माणकारी वीरू खान ने निगम अधिकारियों को अगले चार दिनों में खुद ही अवैध निर्माण को तोड़ने के लिखितनामा पर हस्ताक्षर कर दिये. जिसके बाद नगर निगम की टीम वहाँ से वापस लौट आयी.

निगम के अधीक्षण अभियंता सुकमल मंडल ने कहा कि अगर वीरू खान ने अपने लिखितनामा के अनुसार चार दिनों के अंदर स्वयं अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा तो उसके खिलाफ पुलिस आयुक्त एवं निकटवर्ती थाने में शिकायत दर्ज करायी जायेगी और अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला कर धराशायी कर दिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि तालाब की जमीन की भराई कर अवैध निर्माण चल रहा था. दीवार का एक हिस्सा लिंटर तक और बाकी का अब ढलाई के स्तर तक पहुँच रहा था. शेर तालाब इलाके में तालाब से सटे 1.5 कट्ठा वेस्टेड जमीन पर शेर तालाब निवासी वीरू खान कई महीनों  से निर्माण कार्य कर रहा था.

निगम अधिकारियों को सूचना मिलने पर उन्होंने निर्माण कार्य की जाँच की. जाँच में चल रहे निर्माण को अवैध पाये जाने पर निगम मुख्यालय से 14 अगस्त को वीरू खान को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण को रोकने के निर्देश दिये गये. परंतु वीरू खान द्वारा निगम का नोटिस स्वीकार नहीं किये जाने से उसके अवैध निर्माण की दीवार पर ही निगम का नोटिस चिपका दिया गया. जिसके बाद निर्माण कार्य को और अधिक जोर शोर से आरंभ कर दिया गया.

सूचना मिलने पर नगर निगम मुख्यालय के निर्माण विभाग की ओर से अवैध निर्माण को तोड़ने के निर्देश जारी कर इंजीनियरिंग विभाग के कार्यकारी अभियंता आरके श्रीवास्तव, संदीप चक्रवर्ती, नयन नस्कर, सहायक अभियंता इंद्रजीत कोनार, बोरो कार्यालच पाँच के उप सहायक अभियंता जोनाकी गुप्ता, बोरो कार्यालय तीन के उप सहायक अभियंता सुभाशिष दे अपने साथ सेनिटेशन विभाग के कर्मचारियों, हल्ला गाड़ी, एक जेसीबी मशीन और कर्मचारियों की टीम को लेकर अवैध निर्माण को तोड़ने पहुँची.

निगम अधिकारी के निर्देश पर जेसीबी मशीन ने दीवार के एक हिस्से को तोड़ना आरंभ ही किया था कि काफी संख्या में वीरू खान के लोगों ने निगम के टीम को घेर लिया. वीरू खान के समर्थक अवैध निर्माण तोडे जाने का विरोध करने लगे परंतु अधिकारियों के सख्त रवैये और पुलिस की उपस्थिति के कारण उन्होंने अगले चार दिनों में खुद ही अवैध निर्माण को तोड़ देने के लिखितनामे पर हस्ताक्षर किया.

क्या अवैध निर्माण को तोड़ देने से मामला समाप्त हो जाएगा

तालाब को भरना और उस निर्माण करना “पश्चिम बंगाल मतस्य कानून ” के तहत गैर जमानती अपराध है। उस पर यदि तालाब की जमीन वेस्टेड अर्थात सरकारी हो तो सरकारी जमीन कब्जा करने का अपराध अलग से ।

इस पूरे मामले में निगम के अधिकारी एक कागज पर दस्तखत करवा कर जो अपनी पीठ थपथपा रहे हैं उन्हें या तो इन क़ानूनों की जानकारी नहीं है या वे इस आरोपी को बचा रहे हैं । उसका अवैध निर्माण तो टूटेगा ही लेकिन इससे पहले उसने तालाब को भरा , अवैध निर्माण किया , सरकारी जमीन हथियाने की कोशिश की । क्या इन अपराधों के लिए उसे सजा नहीं मिलेगी। ये सभी अपराध गैर जमानती है हैं और इसमें न्यूनतम दो वर्ष की सजा का प्रावधान है । साथ ही तालाब को अपने पुराने स्वरूप में लाने का प्रावधान है । क्या यह होगा ?

Last updated: अगस्त 20th, 2019 by Rishi Gupta
Rishi Gupta
Correspondent - Asansol
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