बीते सोमवार 10 जुलाई को सात अवैध कोयला खदानों की डोजरिंग कर भराठी की गई
सभी खदान ईसीएल सोदपुर क्षेत्र के नर्समुन्दा कोलियरी के समीप सीआईएसएफ बैरक के पीछे चल रहे थे
ईस मौके पर धेमोमेन ग्रुप डीजीएम राम अवतार राम, नर्समुन्दा कोलियरी प्रवन्धक नन्द दुलाल सिंघो, हीरापुर पुलिस टीम, सीआईएसएफ, इसीएल सुरक्षा
अधिकारी टीम मौजूद थे।
कई महीनों से चल रहा था अवैध कोयला खनन
मालूम हो कि यह खदान पिछले कई महीनो से चलाई जा रही थी !
जिसमे से लगभग प्रतिदिन 50 टन कोयला निकला जाता था और स्थानीय कंपनियों वा फैक्टरियों में खपाया जाता है ।
पुलिस एवं सीआईएसएफ़ के मिली भगत की संभावना
पुलिस और सीआईएसएफ कि मिली भगत होने की पूरी संभावना है
तभी बैरक के पीछे इस कार्य को इतनी आसानी से अंजाम दिया जाता था ।
और खुले आम कोयला खदान चलाया जाता था ।
क्षेत्रीय महाप्रबंधक ने की कार्यवाही
सूचना मिलते ही सोदपुर क्षेत्रीय महाप्रवन्धक सुजीत सरकार ने तुरंत करवाई की।
अवैध कोयला खदान को बंद करने का निर्देश जारी किया ।
जिसके पश्चात बीते सोमवार को अधिकारियों द्वारा अवैध कोयला खदान को डोजरिंग कर भराठी कर दी गई ।
पुलिस नहीं है मुस्तैद
धेमोमेन उपप्रवन्धक (डीजीएम) रामावतार राम ने बतया कि यहाँ के प्रशासन को मजबूत होकर अवैध खदान के ऊपर कड़ी करवाई करनी होगी ।
तब जाकर अवैध खदान पर नकेल कसी जा सकती है ।
कोलियरी के खदानों को होती है मुश्किल
अवैध खनन से कोलियरी के खदानों को काफी मुश्किल होती है ।
खदान में वर्षा के समय में पानी घुसने का भय बना रहता है।
अन्दर से केबल तार कोयला और भी बहुत से समान निकल लिया जाता है ।
जिससे कोलियरी को काफी नुकसान होता है।
नहीं मिला कोई आरोपी
बड़े आश्चर्य की बात है कि सीआईएसएफ़ बैरक के ठीक पीछे अवैध खनन होते थे
अवैध खदान भर भी दिये गए
पर एक भी आरोपी नहीं पकड़ा गया।
दिखावे की है कार्यवाही
मालूम हो कि यहाँ के अवैध कोयला खदान कभी बंद ही नहीं होते हैं और हमेशा चलते रहते हैं।
यहाँ डोजरिंग तो किया जाता है लेकिन चंद दिनों के बाद फिर खुदाई का कार्य फिर शुरू हो जाता है ।
ईसीएल प्रबंधन के लाख कोशिशो के वावजूद अवैध कोयला खदानों पर नकेल नहीं कसा जा सका है ।
इस क्षेत्र के अलावा और भी कई जगहों पर खुले आम खदानों से कोयला निकला जा रहा है ।
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Last updated: सितम्बर 18th, 2017 by