रानीगंज। श्री सीताराम जी मंदिर परिसर में कातिक पूर्णिमा के शुभअवसर पर देव दीवारी का त्यौहार मनाया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने सामूहिक दीप प्रज्वलित कर इस उत्सव में हिस्सा लिया।
मंदिर के पुजारी विजय पांडे ने बताया कि मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के इस विशेष दिन पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। काशी में देव दीपावली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्त्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शंकर ने खुद देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दीवारी मनाई थी, इसलिए देव दीपावली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही समस्त देवी-देवता स्वर्ग से धरती पर आते हैं और गंगा स्नान करने के बाद दीप जलाकर देव दीपावली का त्यौहार मनाते हैं। पूर्णिमा के दिन लोग खूबसूरत रंगोली और दीये जलाकर इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
संयोजन कर्ताओं की ओर से विमल कुमार बाजोरिया एवं ललित झुनझुनवाला ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से यह त्यौहार मात्र पूजा पाठ के माध्यम से मनाया जाता रहा है लेकिन ईश्वर कृपा से इस वर्ष हम लोगों को पूर्णा इस उत्सव को मनाने का मौका मिला है सरकार के तमाम नियमों को मानते हुए हम लोग इस त्यौहार को मना रहे हैं मना रहे हैं।