पश्चिम बंगाल बीरभूम जिले के कांकड़तल्ला थाना के प्रभारी जहिदुल इस्लाम जिस तरह अपने वर्दी के प्रति कर्तव्यरत हैं ठीक उसी तरह वो अपने थाने के अंतर्गत आने वाले तमाम इलाकों में रह रहे सभी धर्मों के गरीब व असहाय लोगों को हर तरह की मदद के लिए भी काफी प्रचलित हैं । यही कारण है कि वो अपने थाने के इलाकों में गरीब व असहाय लोगों के बीच एक मसीहा के नाम से जाने और पहचाने जाते हैं । लोग बिना हिचक के हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी शिकायतों को लेकर सीधे थाना प्रभारी जहिदुल इस्लाम के पास पहुँच जाते हैं । ज़्यादातर मामलों को वे अपनी सूझ-बूझ से थाने में ही निपटा देते हैं ।
दर्जनों मानसिक रोगियों कि जान बचाई, इलाज के लिए भेजा और उनके परिजनों से मिलवाया
इन सबके के अलावे थाना प्रभारी जहिदुल इस्लाम की इलाके में एक और पहचान है । वो पहचान मानो किसी भगवान से कम नहीं । क्योंकि प्रभारी जहिदुल इस्लाम ने इलाके में आवारा घूम रहे करीब एक दर्जन से ऊपर मानसिक रोगियों को या तो उनको अपने खर्चे से उनके घर पहुँचवा दिया या फिर उन्हें चाइल्ड होम या फिर उनको उनकी अच्छी देख-रेख के लिए मेन्टल अस्पताल भेज दिया ।
अपने थाना इलाके के कैथी में ही 22 वर्षीय बहार अली नाम के एक मानसिक रोगी को उस अवस्था में अपने संरक्षण में लिया जब वो कैथी इलाके में स्थित एक दुकान में आग लगाकर जोर-जोर से शोर मचा रहा था और लोगों को ये बता रहा था के उसने ही दुकान में आग लगाई है। इससे पहले कि मौके का माहौल बिगड़ता, प्रभारी जहिदुल इस्लाम मौके पर पहुँच गए और उन्होंने मानसिक रोगी युवक को अपने संरक्षण में ले लिया और उसकी जान बच गई। जहिदुल इस्लाम ने उस युवक की अच्छे से देखभाल की ओर उसे मुर्शिदाबाद स्थित बहरमपुर मेंटल अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए भर्ती करवा दिया ।
उन्होंने अपने थाना इलाके के बाबुई जोड़ में 32 वर्षीय सोनाई डोम को भी भीड़ से बचाकर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया । बच्चा चोरी के आरोप में मोब लीचिंग के शिकार हुये 3 युवकों (17 वर्षीय अभिषेक कुमार यादव भवानीगंज से, 25 वर्षीय सोनू सिंह को जमालपुर से , 16 वर्षीय सुकुमार पाण्डे को पोलपाई से बचाया ) को बचाया , उन्होंने 16 वर्षीय मुख बुधिर युवक को रोशा इलाके से बचाया ।
ऐसे दर्जनों मानसिक रोगी हैं जिनके लिए जहिदुल इस्लाम भगवान के दूत बनकर सामने आए हैं और उनका जीवन बचाए हैं और उनके बेहतर इलाज के लिए उनको या तो मानसिक अस्पताल भेज दिया या फिर उन्हें चाइल्ड होम भेज दिया । इनमें से कई ऐसे भी है जिनको उनका अपना परिवार भी मिल गया और वो अपने परिवार के साथ हंसी खुशी रह रहे है और अपना जीवन वयतीत कर रहे है ।
जैदुल बताते हैं कि उन्होंने अपने सर्विस काल में बिहार ,बंगाल, झारखंड सहित उत्तर प्रदेश से आए मानसिक रोगियी को भी उन्होंने उनके घर पहुँचाया है उनमें से ऐसे भी है जो अभी भी मानसिक अस्पताल में इलाजरत हैं ।
वो कहते हैं कि अपने ड्यूटी के दौरान उनको इस तरह से जुड़ी तमाम सामाजिक काम करना उन्हें अच्छा लगता है । इसके लिए वो हमेशा तत्पर रहते हैं चाहे वो कोई भी हो। वो अपने वर्दी के फर्ज को किसी भी हाल में पूरा करने की बात करते हैं । शायद यही कारण है कि एक समय बम और बारूद की बातें करने वाला कांकड़तल्ला थाना इलाका अब एक दूसरे की मदद करने के लिए हर पल हर वक्त सक्षम है । वे लोग अब भाईचारे की बातें सुनते तो हैं ही , साथ में करते और उसे निभाने भी लगे हैं ।