Site icon Monday Morning News Network

बदहाली की मार झेल रही गरुई नदी का औचक निरिक्षण करने पहुँचे मेयर, नदी में अवैध अवैध कब्जे को देख जाँच के दिये आदेश

कहा बहुत जल्द होगा गरुई नदी अवैध कब्ज़ाधारियों से कब्ज़ा मुक्त

आसनसोल। पश्चिम बंगाल आसनसोल रेलपार इलाके से गुजरने वाली गरुई नदी पिछले कई वर्षों से बदहाली की मार झेल रही थी जिसका मुख्य कारण था नदी में दिन-प्रतिदिन हो रहा अवैध कब्ज़ा जो अब विकराल रूप ले चुका है, नदी जिस तरह से चौड़ी थी वह अब सिकुड़ कर नाले का रूप ले चुकी है, यही कारण है, की जब भी बरसात का समय आता है, तब पूरा रेलपार इलाका पूरी तरह जलमग्न हो जाता है, यूँ कहें तो पूरे रेलपार इलाके में बाढ़ जैसी हालात उत्पन्न हो जाती है, जिसका प्रमाण रेलपार इलाके के रहने वाली तमाम जनता देती है, इलाके के लोगों की अगर माने तो हर वर्ष बरसात के समय में पूरा रेलपार इलाका बारिश के पानी में डूब जाता है, इस वर्ष बरसात में रेलपार इलाके के लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है, इलाके में रह रहे लोगों के घरों में दो से तीन दिनों तक बारिस का पानी नहीं निकला लोगों के खाने-पीने के तमाम सामान व पैसे सहित कई अन्य जरूर सामान पूरी तरह नस्ट हो गये, इलाके के लोगों का यह भी कहना है, की इलाके में रोज कमाने खाने वाले लोग रहते हैं, साथ में कई ऐसे भी लोग हैं, जो छोटे -बड़े उद्योग कर अपना व अपने परिजनों का भरण पोषण करते हैं. ऐसे में बरसात के समय हुये उनके नुकसान ने उनका कमर तोड़ दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया की निगम के द्वारा यह आश्वासन दिया गया था, निगम उनकी खती पुराण देगी पर निगम के द्वारा उनको कोई मदद नहीं मिली उन्होंने यह भी कहा कि वो लगातार गरुई नदी की चौड़ी करन व कबजामुक्त करने के लिये आवाज उठाते रहे, पर कोई फायदा नहीं हुआ.मेयर बनते ही शुक्रवार को आसनसोल नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय,चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, उप मेयर अभिजीत घटक,वाशीमुल हक का जो औचक दौरा हुआ उससे वह काफी ख़ुश हैं, अब उनको एक बार फिर से उम्मीद जग गई है, की इस बार गरुई नदी अवैध कब्जेधारियों से कब्ज़ा मुक्त हो जाएगी और वो दोबारा अपने वास्तविक रूप में आ जाएगी गरुई नदी का दौरा करने पहुँचे मेयर और उप मेयर ने मिडिया को बताया कि नदी की हालात देख उनको काफी चिंता हो रही है, की आख़िरकार कैसे लोग नदी पर भी अवैध रूप से कब्ज़ा कर सकते हैं। जबकि इस अवैध कब्जे से उनको ही नुकसान है। बरसात के समय उनका ही घर हर वर्ष डूब जाता है।

उन्होंने कहा कि नदी में हुई अवैध कब्जे को लेकर वह बीएलआरओ से बात करेंगे रेलवे से भी बात करेंगे जिसके बाद इस पूरे मुद्दे पर गहमी से जाँच होगी जिसके बाद नदी को कबजामुक्त कर नदी को चौड़ी करन करने का क़ाम शुरू किया जायेगा तभी जाकर गरुई नदी को उसका अपना अस्तित्व व उसका वास्तविक रूप मिल पायेगा।

Last updated: मार्च 4th, 2022 by Rishi Gupta