होलिका दहन के साथ होली का त्यौहार आरंभ। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को हिरण्यकश्यपु के कहने पर होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता पर बैठ गई थी और दैवयोग से प्रह्लाद तो बच गया लेकिन होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गई। इस समय से ही फाल्गुन पूर्णिमा के दिन हर साल अन्याय और पाप पर न्याय एवं सत्य की विजय के रूप में होलिका दहन किया जाता है। इसके साथ ही पूरा देश ही नहीं दुनिया भर में बसे भारतीय रंगों में सराबोर हो रंगो की होली खेलते हैं।
इस वर्ष दुर्लभ संयोग माना जा रहा। होलिका दहन की रात इस बार शुक्र अपनी उच्च राशि में होंगे और सूर्य मित्र राशि में। ग्रहों का यह संयोग भी अच्छा माना जा रहा है।
बढ़ते कोरोना के कारण कई जगहों पर होली खेलने को लेकर पावंदी है, कई स्थानों पर लॉकडाउन है जिससे इस वर्ष भी होली उमंग फीकी पड़ने वाली है।
Last updated: मार्च 28th, 2021 by