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दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर करने से जमाखोरियों व भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगेगा सुनील सिंह

दो हजार रुपये की नोट को चलन से बाहर करने का केंद्र सरकार व आरबीआई के फैसले को आमजन के साथ-साथ राष्ट्र बचाओ आंदोलन संगठन ने समर्थन किया है। संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह राष्ट्रहित में लिया गया फैसला है। दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर करने से जमाखोरियों व भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगेगा। जिस तरह से दो हजार रुपये की नोट बाजार से लगभग गायब हो चुके थे। वैसे में आरबीआई को मुद्रा की जमाबंदी को लेकर कुछ शंका थी। जिसके कारण दो हजार रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि इससे छोटे कारोबारियों के साथ आम लोगों को लाभ होगा। क्योंकि जितने भी ब्लैक मनी रखने वाले लोग हैं, उनका पैसा अब बाजार में निकलेगा, जिससे कहीं ना कहीं आम लोग लाभान्वित होंगे। आगे सिंह ने कहा कि जो आम लोग हैं, उन्हें सरकार के इस आदेश से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। क्योंकि जो वेतनधारी लोग हैं, उनके अकाउंट में सैलरी के रूप में जो भी पैसे आ रहे हैं, उसका लेखा-जोखा सीधा सरकार और बैंक के पास है। इसलिए इस आदेश से सिर्फ वैसे लोगों को समस्या होगी जो दो हजार के नोटों की मोटी रकम कैश के रूप में जमा करके रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जो व्यवसायी छोटे स्तर पर व्यापार कर रहे हैं, उनके पास जो भी दो हजार रुपए के नोट आते हैं, वह कारोबार के दौरान ही रोटेट हो जाता है और जो थोड़े बहुत पैसे दो हजार रुपए के नोट के रूप में हैं या जिनके पास जायज पैसे हैं, उनके लिए सरकार ने पर्याप्त समय दिया है। इस समय में लोग आराम से बैंक जाकर अपना पैसा जमा करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को राष्ट्रहित व जनहित में और भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने के लिए हर पांच-छह साल में नोटबंदी करना चाहिए। इससे कैश जमा कर भ्रष्टाचार की मंशा करनेवाले लोग अपने मंसूबे में कामयाब कभी नहीं हो पाएंगे।

Last updated: मई 22nd, 2023 by Aksar Ansari