वर्ष 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की उस वक्त खूब चर्चा हुयी थी जब उन्होंने काफी समय से स्थायी नौकरी की मांग कर रहे लाइसेंसधारी कुलियों को स्थायी नौकरी देने की घोषणा की थी. नौकरी कर पाने अक्षम कुलियों के आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान किया गया. देश भर में लाइसेंसधारी कुलियों के बीच ख़ुशी की लहर दौड़ गयी थी. फिर लोग धीरे-धीरे भूलने लगे. सबको यही लग रहा था कि सभी कुलियों को नौकरी मिल गयी है. लेकिन संघर्ष का दूसरा हिस्सा तो अभी बाकि था जिससे पूरा देश अनजान था.
मात्र कुछ कुलियों को नौकरी देने के बाद पूरे आदेश को ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया.
2009 में लोकसभा के चुनाव हुए जिसमें लालू प्रसाद यादव की पार्टी की काफी कम सीटें आयी और उन्हें रेल मंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी. उनके बाद ममता बनर्जी, दिनेश त्रिवेदी, मुकुल राय, सी पी जोशी, पवन कुमार बंसल , मल्लिकार्जुन खड्गे, एस डी सदानंद गौड़ रेल मंत्री बने लेकिन पूरे युपीए के कार्यकाल में इस मामले पर ध्यान नहीं दिया गया. 2014 में पूरी सरकार ही बदल गयी . वर्तमान एन डी ए कि सरकार में सुरेश प्रभु और पियुस गोयल (वर्तमान ) रेल मंत्री बनकर आये. लेकिन नहीं बदली तो कुलियों की संघर्ष गाथा. लम्बे समय से संघर्ष कर रहे कुलियों के ह्रदय में लालू यादव ने जो उम्मीद की लौ जलाई थी वह उनके जाते ही टिमटिमाने लगी.
हिन्द मजदूर सभा ने थामी मशाल
लेकिन अब इस उम्मीद को हिन्द मजदूर सभा ने फिर से सहारा दिया है. हिन्द मजदूर सभा के बैनर तले सभी लाइसेंसधारी कुली एकबार फिर एकजुट होने लगे हैं और अपने हक़ की लड़ाई के लिए आन्दोलन तेज कर रहे हैं . उसी कड़ी में इसी वर्ष 15 मई को पूरे भारत में रेलवे के जोनल मुख्यालय के समक्ष हिन्द मजदूर सभा के बैनर तले कुलियों ने संगठित होकर आन्दोलन किया. तथा सभी जोनल महा प्रबंधक को अपने मांग पत्र सौंपे.
रेलवे बोर्ड के मुख्यालय पर कुलियों ने किया विरोध प्रदर्शन
27 जून बुधवार को हिन्द मजदूर सभा के महा मंत्री हर भजन सिंह सिद्धू के नेतृत्व में करीब पंद्रह हजार कुलियों ने रेलवे बोर्ड के मुख्यालय दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया एवं हर भजन सिंह सिद्धू के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा। रेलवे बोर्ड के चेयर मैन आश्विन लोहानी ने उनके मांग पत्र को स्वीकार करते हुए विचार करने का आश्वासन दिया।
हिन्द मजदूर सभा ने रखी ये मांगे
महा मंत्री हर भजन सिंह सिद्धू ने रेल मंत्री को संबोधित मांग पत्र में आन्दोलन रत मजदूरों की सुध लेने की अपील की है. उन्होंने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि वर्ष 2008 में लाइंसेसधारी कुलियों के स्थायीकरण के आदेश जारी किये गए थे लेकिन इस पर ठीक से अमल नहीं किया जा सका है. नतीजतन पूरे देश में हजारों कुली आज भी दयनीय स्थिति जीने को विवश हुए हैं. उन्होंने लिखा है कि कुली यात्रियों के सामानों को ढो कर रेलवे की सहायता करता है और रेलवे के आर्थिक विकास में सहायक है लेकिन उसकी एवं उसके परिवारों की जिंदगी को कोई आर्थिक सुरक्षा प्राप्त नहीं है. उन्नत तकनीक, एस्केलेटर एवं पहिये वाली ट्रोलियों ने कुलियों की आजीविका को धक्का पहुँचाया है. उन्होंने लिखा है कि . रेलवे कई विभाग में ग्रुप डी के कई लाख पद खाली पड़े हैं. इन पदों पर इन कुलियों का नियोजन किया जाना चाहिए. उन्होंने मांग किया है कि सभी लाइसेंसधारी कुलियों को आर्थिक सुरक्षा मिलनी चाहिए . उन्हें चिकित्सा, आवास सहित सभी प्रकार की सुविधाएँ मिलनी चाहिए .