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हिंदुस्तान केबल्स के स्कूलों में जल्द ही लौटेगी बहार

हिंदुस्तान केबल्स के बंद हो जाने के बाद अनाथ हो चुके विद्यालयों के सरकारी अधिग्रहण के खबर से शिक्षक, विद्यार्थी समेत सभी लोगों में उम्मीद की नयी किरण जागी है

हिंदुस्तान केबल्स के बंद हो जाने के बाद अनाथ हो चुके विद्यालयों के सरकारी अधिग्रहण के खबर से शिक्षक, विद्यार्थी समेत सभी लोगों में उम्मीद की नयी किरण जागी है

सलानपुर(पo बर्धमान): स्वतंत्र भारत की बहु प्रतिष्ठित संस्थान हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड, रूपनारायणपुर
को केन्द्रीय सरकार द्वारा पूर्ण रूप से बंद कर दिए जाने के बाद से ही सलानपुर समेत पूरा शिल्पांचल क्षेत्र में मातम पसरा है|
बंदी के ताले लटकते ही यहाँ की आम जन जीवन, रोज़गार, समेत बिजली और पेय जल की  विकराल स्तिथि उत्पन्न हो गयी है।
ऐसे में यहाँ की शिक्षा प्रतिष्ठानों में तलवार लटकना आश्चर्य की  बात नहीं थी|

बिजली मुहेया कराने के सभी प्रयास विफल हो चुके हैं

स्थानीय जनप्रतिनिधि व् विधायक द्वारा पुनः स्कूल, दुकानदार व स्थानीय निवासियों को
बिजली मुहेया कराने का प्रयास विफल हो चुका है।
जानकारों की माने तो डी भी सी प्रबंधन का पहले से ही करोड़ों का बिजली बिल हिंदुस्तान केबल्स के ऊपर बकाया है।
इसीलिए पश्चिम बंगाल विद्युत विभाग यहाँ बिजली आपूर्ति से पहले डी भी सी प्रबंधन से नो ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र चाहती है|
ऐसे ही कई अन्य अटकले यहाँ के विकास में दिवार बन चुकी है |

अभिभावक से लेकर विद्यार्थियों के चेहरे पर उदासीनता की लकीर खींच चुकी थी

केबल्स संस्थान के फैले विशाल प्रांगन में 8 प्राथमिक विद्यालय समेत 1 उच्च विद्यालय कठिन परिस्थिति में संचालित हो रहे है|
असुविधा की दंश झेल रही इन स्कूलों में लगातार छात्र छात्राओं की संख्या में कमी देखी जा रही है|
यूं कहें तो शिक्षा के मंदिर अब बंद होने के कगार पर खड़ी है|
डी भी सी प्रबंधन द्वारा पहले ही बिजली काट दिए जाने से स्कूलों में आज भी अँधेरा छाया हुआ है|

स्कूल अधिग्रहण निरीक्षण टीम के आने से फैल गयी खुशी की लहर

विद्यालय अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत जांच के लिए पहुंचे शिक्षा विभाग के अधिकारी

शनिवार को पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल अधिग्रहण व निरक्षण के लिए पहुंचे।
उनके पहुँचने की खबर से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों समेंट पूरे हिंदुस्तान केबल्स इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई|

स्कूल के अधिग्रहण के लिए मुख्य मंत्री से लगाई थी गुहार

बताते चले कि स्थानीय लोग व स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूलों को बचाने के लिए सामूहिक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था।
जिसे पश्चिम बर्दवान जिला शासक शशांक सेट्ठी के माध्यम से पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचाया गया।
हस्ताक्षर अभियान के जरिये मुख्यमंत्री से स्कूलों को बचाने समेत पुनः शिक्षा बहाल करने के लिए गुहार लगाई गई थी|

विधायक विधान उपाध्याय ने भी विधानसभा में उठाया मुद्दा

स्थानीय विधायक विधान उपाध्याय ने भी यहाँ की वास्तविक स्तिथि को
विधानसभा में उठाते हुए सरकार की ध्यान इस और आकर्षित किया था।
स्कूलों को सरकारी मान्यता व अधिग्रहण समेत युवाश्री, कन्याश्री,मिड डे मील समेत
सबुजसाथी आदि मुद्दों पर उन्होंने आवाज़ उठाई गई थी|

निरीक्षण अधिकारियों ने लिया पूरा ब्योरा

 

विद्यालय के शिक्षक प्रभारी से ब्योरा लेते विद्यालय अधिग्रहण के लिए आई टीम

 

निरक्षण को पहुंचे अधिकारियों ने यहाँ स्थित सभी स्कूलों का दौरा किया।
उन्होने स्कूल सचिव उमेश झा, एवं प्रभारी शिक्षक गोपाल सरकार से विस्तृत जानकारी ली ।
निरीक्षण अधिकारियों में पश्चिम बर्दवान जिला शिक्षा अधिकारी इन्द्रजीत सरकार,
डीइओ सय्नतन बोस, एडीआई आसनसोल अजय पॉल, सलानपुर एसआई श्रीकांत दौलई आए थे
निरक्षण को पहुंचे अधिकारियों ने यहाँ स्थित बिल्डिंग, छात्र छात्रों की संख्या, पानी, बिजली, टेबल, मेज, शोचालय,
एवं मौजूद समस्त संपत्ति का पूरा ब्यौरा लिया।
साथ ही रिपोर्ट जल्द तैयार कर जल्द ही सरकार को भेजने की तैयारी की जा रही है|
स्वीकृति मिलते ही इन स्कूलों में पुनः बहार लौटने के कयास लगायी जा रही है|

फोटोग्राफी:-काजल मित्रा
Last updated: अगस्त 28th, 2017 by Guljar Khan