मधुपुर- हिंदी दिवस के अवसर पर जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में सूचना क्रांति के दौर में हिंदी विषयक संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय भेरवा मध्य विद्यालय परिसर में किया गया। इस अवसर पर साहित्यकार बुद्धिजीवी, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे ।मौके पर जनवादी लेखक संघ के प्रांतीय सह सचिव साहित्यकार धनंजय प्रसाद संगोष्ठी के विषय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि भाषा सिर्फ सूचना प्रसारण हासिल करने का माध्यम ही नहीं होता है ।
सभ्यता की आँख और संस्कृति के वाहक भी होती है ।सूचना क्रांति के दौर में आज संस्कृति विचार फैशन के साथ- साथ भाषा में तेजी से बदलाव आया है ।बाजार की भाषा के रूप में हिंदी तेजी से विकसित हुआ है और यह दुनिया की तीसरे नंबर की भाषा बन गई है ।लेकिन आज हिंदी का भविष्य उज्जवल होने के बजाय इस का अस्तित्व ही खतरे में आ गया है। आज की हिंदी हीइंग्लिश बन कर उभरी है। ऐसे दौर में जरूरत है कि हिंदी प्रेमी हिंदी के अस्तित्व का सकारात्मक तरीके से विकास करें ।
तभी हिंदी का भविष्य उज्जवल हो पाएगा। अन्यथा हिंदी बाजारवाद का कारण बन कर रह जाएगी ।देश के आजादी के पूर्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी की बड़ी प्रतिष्ठा रही ।हिंदी में स्वतंत्रता संग्राम -सेनानियों को एक सूत्र में बांधने का काम किया है। इसके अलावा प्रधानाध्यापक इनायतअली ,छवि, शंकर यादव, युगल किशोर सिंह ,रीता कुमारी, ममता कुमारी सहित कई लोग ने अपने- अपने विचार व्यक्त किए।
Last updated: सितम्बर 15th, 2018 by