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रूपनारायणपुर में क्वॉरेंटाइन स्थापित को लेकर भारी विरोध, रणक्षेत्र में तब्दील हुआ इलाका

सालानपुर-कोरोना की आतंक ने समाज में आज एक अलग आतंक और डर के माहौल को जन्म दे दिया है। लोग खुद और अपने गाँव को सुरक्षित करने को लेकर कुछ भी करने को तैयार है।

सोमवार की रात सालानपुर ब्लॉक रूपनारायणपुर के समीप प्रतापपुर क्षेत्र पूरी रात रणक्षेत्र में तब्दील रहा। सोमवार की बीती रात रूपनारायणपुर क्षेत्र में अस्थाई क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के विरोध में प्रतापपुर के आदिवासियों समेत आस-पास के लोगों ने अल्लाडीह मोड़ के समीप चित्तरंजन -नियामतपुर मुख्य मार्ग पर डुगडुगी के साथ टायर जला कर सालानपुर ब्लॉक प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन किया। क्षेत्र में किसी भी बाहरी लोगों को शरण देने का विरोध करने लगे ।

उसी समय सालानपुर पुलिस की सहायता से आसनसोल से 7 कोरोना संदिग्ध लोगों को 2 एम्बुलेंस पर सवार कर रूपनारायणपुर के कॉरेन्टीन सेंटर ले जाया जा रहा था, वाहन को देखते ही विरोध कर रहे लोग उग्र हो गए और पुलिस वाहन और एम्बुलेंस पर लाठी डंडे के साथ पथराव करने लगे, जिसमें पुलिस वाहन का पीछे का कांच, और एक एम्बुलेंस का सामने का कांच टूट गया।

वाहनों के पीछे भगदड़ की स्थिति को देखते हुए, भारी मुश्किल से एम्बुलेंस और पुलिस वाहन मौके भागने में सफल हुए। हालांकि इस घटना में किसी को भी चोट नहीं आयी।

मौके पर उपस्थित कल्याणेश्वरी फाड़ी प्रभारी अमरनाथ दास द्वारा भी भीड़ को समझाने का प्रयास किया गया किन्तु विरोध कर रहे लोगों ने पथराव आरम्भ कर दिया।

कुछ समय बाद सालानपुर थाना प्रभारी पवित्र कुमार गांगुली एवं रुपनारायणपुर फाड़ी प्रभारी सिकंदर आलम की नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुँची और उग्र प्रदर्शनकारियों को समझाने की बहुत कोशिश की फिर भी वे लोग सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए। हर आने और जाने वाले वाहनों की जाँच भीड़ द्वारा की जाने लगी की कहीं किसी अन्य वाहन में मरीजों को पार न कर दें ।

इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रशासन को स्थानीय लोगों की सुरक्षा की परवाह नहीं है। बाहर से आये लोगों को यहाँ लाकर रख रही है, जिसके कारण इस क्षेत्र में भी संक्रमण फैल सकता है। रूपनारायणपुर में भी घनी आबादी निवास करती है, ऐसे में किसी भी कोरोनो संदिग्ध को यहाँ लाकर रखना खतरे से खाली नहीं है।

प्रतापपुर मोड़ पर की जा रही प्रदर्शन की खबर मिलते ही लोग अल्लाडीह मोड़, जिमहारी मोड़, देंदुआ मोड़, समेत रूपनारायणपुर स्थित नांदनिक हॉल के सामने लोग लाठी डंडा के साथ इकट्ठा हो गए और विरोध करने लगे। लोगों का कहना है कि हमारे क्षेत्र में किसी भी बाहर से लाए लोगों को क्वॉरेंटीइन में नहीं रखने दिया जाएगा। सोमवार को ईसीएल रीजनल अस्पताल देंदुआ में क्वॉरेंटीइन सेंटर के रूप में उपयोग किए जाने का विरोध किया गया था, जिसके बाद वहाँ ना ले जाकर रूपनारायणपुर लाया जा रहा है।

स्थानीय स्तर पर कहीं भी प्रशासन द्वारा साफ सफाई नहीं की जा रही है। प्रदर्शनकारी सुबह 4 बजे तक सड़क पर ही बने रहे। अतः पुलिस द्वारा सभी 7 लोगों को आसनसोल वापस भेज दिया गया। जबकि मामले को लेकर प्रशासन के विरूद्ध स्थानीय लोगों में काफी रोष है।

Last updated: अप्रैल 14th, 2020 by Guljar Khan