विश्व रक्त दान दिवस के अवसर पर प्रखंड साक्षरता समिति के अगुवाई में सेबी संस्था के वित्तीय सहयोग से प्रखंड साक्षरता समिति के प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक मुकुंद साव की अध्यक्षता में पंचायत साक्षरता समिति बेला के कार्यालय में स्वास्थ्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सेबी की प्रतिनिधि भावना कुमार उपस्थित थी। गोष्ठी में समन्वयक मुकुंद साव ने उपस्थित साक्षरता कर्मियो को संबोधित करते हुए कहा कि आज रक्त की कमी से लाखो जाने जा रही है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के तहत भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत होती है परंतु रक्त 75 लाख यूनिट ही उपलब्ध हो पाता है, यानी करीब 2500000 यूनिट रक्त के अभाव में हर साल सैकड़ों मरीज दम तोड़ देते हैं, राजधानी दिल्ली में आंकड़ों के मुताबिक यहां हर साल 350 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता रहती है लेकिन स्वैक्षिक रक्त दाताओं से इसका महत्व 30 फ़ीसदी ही जुट पाता है। जो हाल दिल्ली का है वहीं हाल शेष भारत का है, यह अकारण नहीं कि भारत की आबादी भले ही सवा अरब पहुंच गई हो पर रक्त दाताओं का आंकड़ा कुल आबादी का 1% भी नहीं पहुंच पाया है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कुल रक्तदान का केवल 59 फ़ीसदी रक्तदान स्वैच्छिक होता है। जबकि राजधानी दिल्ली में तो स्वैच्छिक रक्तदान केवल 32 फ़ीसदी है, दिल्ली में 53 ब्लड बैंक है फिर भी एक लाख यूनिट रक्त की कमी है ,वही दुनिया के कई सारे देश हैं जो इस मामले में भारत को काफी पीछे छोड़ देते हैं। इसलिए रक्तदान मनुष्य को अवश्य करना चाहिए ताकि आपके रक्त के एक कण से किसी की जिंदगी बच सके, भावना कुमार ने कहा कि लोगो को यह पता होना चाहिए कि मनुष्य के शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है और और रक्तदान से कोई भी नुकसान नहीं होता बल्कि यह तो बहुत ही कल्याणकारी कार्य है जिससे जब भी अवसर मिले करना चाहिए। गोष्ठी का संचालन जयमणि देवी ने किया जबकि संचालन भुनेश्वर साव ने किया।गोष्ठी में सैकड़ों महिला स्वयंसेविका साक्षरता कर्मी उपस्थित थी।
विश्व रक्तदान दिवस पर स्वास्थ्य गोष्ठी का आयोजन
Last updated: जून 14th, 2023 by