विशेष संवाददाता , रानीगंज / 6 बार विधायक एवं दो बार सांसद कभी ना हारने वाला श्रमिक व माकपा नेता हराधन राय का नूपुर ग्राम आज बुनियादी सुविधा से भी वंचित है । आसनसोल लोकसभा क्षेत्र व रानीगंज ब्लॉक तथा आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के नूपुर ग्राम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, राजनीतिक पृष्ठभूमि बहुत ही सुनहरी रही है ।
आज बेरोजगारी जर्जर सड़कों की हालत , वर्षा में टापू की तरह मानव संधि विच्छेद कर यहाँ के लोग जीवन यापन करते हैं । कभी यहाँ के लोगों का दैनिक जीवन भी काफी खुशहाल था । प्रत्येक घर से कोई ना कोई बंगाल पेपर मिल में काम करते थे । आज या तो खेत मजदूर, छोटे-मोटे किसान अथवा दैनिक मजदूरी करके यहाँ के लोग अपना भरण-पोषण करते हैं ।
इस गाँव के मुख्य चौराहा कभी बावरी पारा के नाम से जग जाहिर था । शाम होते ही पूरे गाँव का हुजूम इस चौराहे पर दिखता था । इसी गाँव के समीर बावरी नामक एक व्यक्ति ने कहा कि दादा 15 बरस पहले हम लोग दादा हराधन राय के साथ ही बदल गये क्योंकि हमने देखा कि सीपीएम पार्टी जब हराधन जैसे व्यक्ति को यातनाएं दे सकती है तो हम लोग भला क्या है !
स्वर्गीय हराधन राय के घर में पहले की तरह ही सब कुछ मिला । एक साधारण व्यक्ति का जो होना चाहिए । एक तरफ उनके भतीजे की बहु 350 वर्ष पुरानी दुर्गा मंदिर में संध्या बत्ती दे रही थी वहीं भतीजा सत्यव्रत राय को बेहद दुःख है कि इस गाँव से कई बसें चलती थी कुल्टी आसनसोल बराकर दुर्गापुर रानीगंज शहर के लिए आज सब कुछ बंद है । दामोदर नदी के किनारे यह गाँव है । वर्षा के दिनों में नदी के बहाव की वजह से गाँव का संपर्क टूट जाता है ।
इस गाँव के वयोवृद्ध महिला शांति लता अधिकारी वोट के प्रति काफी जागरूक दिखी । लगभग 85 वर्ष की यह महिला वोट देने का इच्छा प्रकाश करते हुए कही कि वोट तो अवश्य मैं दूंगी लेकिन दुःख है इस बात का कि मेरे पति हाराधन अधिकारी कभी बंगाल पेपर मिल में काम करते थे आज बंगाल पेपर मिल बंद है । मेरे परिवार का सभी लोग दैनिक मजदूरी करके ही जीवन यापन करते है ।
खेत मजदूरी करने वाले देव नाथ मंडल कहते हैं कि खेत में काम करके पेट नहीं भरा जा सकता । इसके साथ-साथ आज काम का अवसर भी चाहिए । बाहर चुनाव का माहौल है । पुलिस प्रशासन की ओर से जहाँ गाँव में भी कभी कभार पुलिस प्रशासन की पेट्रोलिंग एवं चुनाव पार्टियों की प्रचार गाड़ी इस इलाके से गुजर जाती है। कभी-कभी इस क्षेत्र में विधायक तापस बनर्जी भी आया करते हैं । लोग का कहना है कि माकपा से त्रस्त होकर इस ग्राम के लोग तृणमूल कॉंग्रेस का खुला समर्थक हो गए लेकिन इनकी खामोशी कुछ और बयाँ कर रही है।