फीस वृद्धि का विरोध कर रहे अभिभावकों पर बरसी लाठियां

फीस वृद्धि के विरोध  में  शुक्रवार की  सुबह दिनांक 7 जुलाई 2017 को  दुर्गापुर(प०बंगाल) सिटी सेंटर फाड़ी अंतर्गत हेम शीला मॉडल स्कूल के गेट पर अभिभावकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.

इस दौरान पुलिस ने खूब लाठियां भांजी  जिसमें दर्जनों महिला-पुरुष घायल हुए .

अभिभावकों  द्वारा बताया जा रहा है कि फीस वृद्धि तथा री एडमिशन को लेकर कुछ महीनों से स्कूल के समक्ष विरोध प्रदर्शन की जा रही है.

दुर्गापुर महकमा शासक की मध्यस्थता काम न आई

महकमा शासक ने स्कूल के एडमिशन  तथा री एडमिशन फीस कम करने के लिए  अभिभावक और प्रशासन के बीच में त्रपक्षीय  बैठक की थी  .

जिसमें बताया गया था कि स्कूल की फीस और एडमिशन में कम करने की बात हुई है.

मगर बैठक के बाद से अभी तक फीस वृद्धि में कोई कमी नहीं की गयी.

फीस वृद्धि में कोई कमी नहीं किये जाने से नाराज थे अभिभावक

अभिभावकों के लगातार मांग के बावजूद जब स्कुल प्रबंधन ने फीस वृद्धि में कोई कमी नहीं की.

तब उनके पास विरोध प्रदर्शन के आलावा दूसरा कोई उपाय नहीं था.

स्कुल के रवैये से नाराज  सैकड़ों अभिभावक  शुक्रवार की  सुबह दिनांक 7 जुलाई 2017 विद्यालय के  गेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

वे स्कूल के प्रबंधन समिति से बात करने के लिए स्कुल के अन्दर जाना चाह रहे थे,

लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया.

पुलिस के रोकने पर हुई हाथ-पायी

फीस वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन के दौरान बात हाथापाई तक आ गयी
अभिभावक को रोकते पुलिसकर्मी

kg कक्षा की छुट्टी के दौरान अभिभावकों ने  स्कूल में प्रवेश करने की कोशिश की .

उस समय पुलिस के साथ अभिभावकों की  झड़प हो गई.

उसके बाद नौबत यह  गई कि पुलिस के साथ अभिभावक धक्का-मुक्की करने लगे.

यह देखते हुए पुलिस ने भीड़ को खाली कराने के लिए महिला और पुरुष पर खूब लाठियां भांजी तथा रैफ को भी बुला लिया.

रैफ (रैपिड एक्सन फ़ोर्स) के साथ पुलिस उपायुक्त पहुँच गए

फीस वृद्धि का विरोध कर रहे अभिभावकों के लिए रैफ को उतरा
अभिभावकों को रोकने के लिए खड़ी रैफ

कुछ देर में ही घटनास्थल पर डीसी अभिषेक मोदी  रैफ के साथ पहुँच गए.

काफी मशक्कत के बाद भीड़ को खाली कराया जिसमें दर्जनों महिला पुरुष घायल हुए.

पुलिस ने आठ अभिभावकों को गिरफ्तार भी कर लिया जिन्हें वे थाने ले गए

पत्रकार को भी कर लिया गिरफ्तार

बताया जा रहा है कि अभिभावकों में  एक पत्रकार भी अपने बेटे को लाने के लिए गए थे.

वे समाचार संग्रह भी कर रहे थे उसी बीच एक पुलिस ऑफिसर ने  कह दिया कि पैसा नहीं है तो पढ़ाने की क्या जरूरत है.

पत्रकार ने इस शब्द का विरोध किया तो उसे मारते हुए गाड़ी में उठा ले गए.

 

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Last updated: सितम्बर 1st, 2017 by Pankaj Chandravancee

Pankaj Chandravancee
Chief Editor (Monday Morning)
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