श्री सीताराम जी मंदिर में आयोजित श्री ज्ञान गीता सत्संग में गीता प्रवक्ता श्री राम जी भाई ने भागवत पाठ के सातवें अध्याय की चर्चा भक्तों से की एवं उसका महत्त्व समझाया. रामजी भाई ने बताया कि अहंकार, ईर्ष्या, लोभ आदि को त्याग कर मानवता को अपनाना ही गीता के उपदेशों का पालन करना है.
भगवान कृष्ण के उपदेशों को समेटे हुए गीता में चार युगों के बारे में विस्तार से बताया गया है. कर्म योग, भक्ति योग, राज योग एवं जन योग शामिल है. उन्होंने बताया कि गीता में जीवन का सार है. कार्यक्रम के संयोजनकर्ता राजेंद्र प्रसाद चौधरी ने बताया श्री गीता ज्ञान गंगा सत्संग भक्तमाल एवं गीता ज्ञान सत्संग का रसपान पूज्य श्री राम जी भाई द्वारा कराया जा रहा है.
जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए हैं. दूर-दराज इलाकों से भी कई भक्तगण उपस्थित होकर श्री गीता ज्ञान गंगा पाठ सुनकर पूण्य के भागीदार बन रहे है.