शहर के नाईमनगर, ओल्ड कोर्ट, एमएएमसी, बी-जोन, सिटी सेंटर, चंडीदास, बेनाचट्टी मस्जिद मुहल्ला, उखड़ा के बंकोला, शफीक नगर, शंकरपूर, नवग्राम, बंकोला कोलियरी, अंडाल आदि जगहों से मिलाद-उल के उपलक्ष्य पर आखिरी नबी हजरत मोहम्मद साहब की शान में जुलूस निकाला गया. इस दौरान असहाय लोगों के बीच गरम वस्त्र भी बाँटे गए.
हाजी मेहबूब आलम रिजवी ने बताया कि ईद-ए मोहम्मद साहेब के जन्म उत्सव के रूप में मनाई जाती है. उन्हें इस्लाम धर्म का संस्थापक माना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस्लाम के तीसरे महीने रबी-अल की 12वीं तारीख, 571 ईं. के दिन ही मोहम्मद साहेब जन्मे थे. इस दिन मजलिसें लगाई जाती हैं. पैगंबर मोहम्मद द्वारा दिए गए पवित्र संदेशों को पढ़ा जाता है.
उन्हें याद कर शायरी और कविताएं पढ़ी जाती हैं. मस्जिदों में नमाज़ें अदा की जाती हैं. पैगंबर मोहम्मद साहब इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर थे. उनका जन्म अरब के मक्का शहर में हुआ था.
कहा जाता है कि 610 ईं. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया.