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इतिहास के पन्नों से गायब बंगाल के स्वतंत्रता सेनानी की मृत्यु  

बंगाल 4 जनवरी:बंगाल के मेदिनीपुर जिले के खड़कपुर अंतर्गत वार्ड-12 स्थित नीमपुरा निवासी 103 वर्षीय जादव चंद्र बाग  का निधन  हो गया| शुक्रवार की सुबह लगभग 5.45 बजे उन्होंने घर में अंतिम सांस ली|  उनके निधन के सूचना मिलते ही उनके करीबी, मित्र गण और उनके शुभचिंतक अंतिम दर्शन के लिए  उमड़ पड़े| शुक्रवार दोपहर  को उनका अंतिम संस्कार शहर के ओल्ड मलिनचा स्थित श्मशान घाट में किया गया|
उल्लेखनीय है कि जादव चंद्र बाग़ का जन्म 16  मई 1916 को वर्तमान समय में झाड़ग्राम जिले के वेलबाड़ा थाना अंतर्गत पेड़बिन्दी गांव में हुआ था| उनके पिता जी उमेश चंद्र बाग़ भी स्वंत्रता सेनानी थे | वो भी अपने देश के लिए जब देश गुलाम था तब बहुत ही अद्भुत काम किये कई बार अपने देश ले लिए जेल गए|
किशोरअवस्था में ही वो अपने देश के लिए प्राण न्योछावर करने के लिए  स्वंत्रता संग्राम में कूद पड़े| लिहाजा उन पर अपने पिता और उस समय के स्वंत्रता सेनानी का गहरा छाप पड़ा था| जादव चंद्र बाग १930 के समय से उन्होंने सवंत्रता संग्राम से सबंधित कई गतिविधिओ में बढ़-चढ़ कर भाग लिए|  कई बार वो जेल भी गए|  उनके पुत्र रिटायर्ड रेल कर्मचारी जितेंद्र बाग़ ने बताया कि उनकी माँ का निधन 1986  में ही हो गया था| उनके पिता मूल निवासी झाड़ग्राम के थे विगत ३० वर्षो से वे लोग खड़कपुर में आकर बस गए|
उनके परिवार के द्वारा बताया गया की उनकी उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी| वे काफी लंबी उम्र जिये ।
इतिहास के पन्नों से गायब सवंत्रता सेनानी के लिए भी सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए क्यकि जादव चंद्र बाग़ की तरह कई और  स्वंत्रता सेनानी  ने अपने प्राण की आहुति अपने देश के लिए दी हैं|
Last updated: जनवरी 6th, 2019 by Sagar Prasad