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प्लॉट बेचने के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा , रहें सावधान

सांकेतिक तस्वीर

आसनसोल – दुर्गापुर क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह कई रियलटर्स कंपनियाँ उग आई है जो प्लॉट बेचने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रही है । प0 बंगाल के सरकारी जमीन (वेस्टेड तो स्टेट लैंड) को कुछ अधिकारियों एवं स्थानीय नेताओं की साँठ-गांठ से प्लोटिंग करके बेचा जा रहा है । ग्राहकों के पूरे पैसे ले लिए जा रहे हैं एवं जमीन की रेजिस्ट्रेशन भी करवा दी जा रही है लेकिन उस जमीन का दाखिल खारिज(म्यूटेशन) नहीं हो पा रहा है ।

कैसे होता है यह खेल ….. ?

सीलिंग के समय जिस ज़मीनों का प0 बंगाल सरकार ने अधिग्रहण कर लिया उस जमीन का कागज तो जमीन  मालिक के पास ही था । सरकार ने केवल एक नोटिफिकेशन जारी कर ज़मीनों का अधिग्रहण किया था । अब उसी जमीन के कागजात को कुछ रियलटर्स कंपनियाँ आधार बना कर ग्राहकों को बेवकूफ बना रहे हैं । कुछ भू अधिकारियों से साँठ-गांठ कर ग्राहकों को फर्जी कागज दिखा दिया जाता है ।

इसी प्रकार ईसीएल द्वारा अधिगृहत ज़मीनों को भी ये लोग बेच रहे हैं ।

अंडाल , रानीगंज , आसनसोल क्षेत्रों में इस तरह के घोटाले बहुतायत हो रहे हैं

सही ज़मीनों में भी होता है घोटाला

कई बार जमीन के सारे कागजात सही होते हैं लेकिन उसमें भी ग्राहकों को ठग लिया जाता है । प्लॉट बूकिंग के नाम पर ग्राहकों से मोटी रकम ली जाती है लेकिन प्लॉट की कभी रजिस्ट्री नहीं करते हैं । क्योंकि ये रियलटर्स कंपनी वाले जमीन के असली मालिक नहीं होते हैं और जमीन मालिकों से बात नहीं बन पाने के कारण जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पाती है ।

रियलटर्स कानूनों का पालन नहीं करते हैं ये लोग

इसी तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए सरकार ने रियलटर्स कानून सख्त किए हैं और इस तरह की कपनियों का रियलटर्स एक्ट के तहत पंजीयन अनिवार्य है लेकिन सामान्य कंपनी पंजीयन का कागज दिखाकर इस तरह की फर्जी रियलटर्स कंपनियाँ ग्राहकों को ठगते हैं ।

दूसरे राज्य के ग्राहकों को बनाया जा रहा है शिकार

इस तरह की फर्जी रियलटर्स कंपनियाँ ज़्यादातर बिहार , झारखंड के ग्राहकों को अपना शिकार बनाते हैं ।

ग्राहक क्या करें ?

किसी भी रियलटर्स कंपनी के धोखाधड़ी से बचने के लिए प्लॉट खरीदने या फिर बूकिंग का पैसा देने से पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें । धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें ।

Last updated: जनवरी 8th, 2021 by News-Desk Asansol