वन विभाग ने रोक दिया प्रधानमंत्री आवास योजना से बन रहा मकान
वन विभाग ने 4 परिवारों के बन रहे घर पर लगाया रोक
धनबाद । केंद्र के साथ-साथ झारखंड सरकार ने 2022 तक सूबे के सभी गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का वायदा किया है। इसी क्रम में झारखंड के तमाम जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य जोर-शोर से चलाया जा रहा है लेकिन सरकार का ही एक विभाग जिले में 4 परिवारों को उनके सपनों का पक्का आशियाना बनाने से रोक रहा है ।
क्या है मामला
जिले का गोविंदपुर प्रखंड में पड़ने वाला दुमदुमी गाँव के बाउरी टोला में पिछले 60 वर्षों से मधु बाउरी, सुधा बाउरी, सुखु बाउरी और सहदेव बाउरी का परिवार तत्कालीन बिहार सरकार की ओर से दिए गए वन अधिकार पट्टे के आधार पर आवंटित किए गए 3-3 डिसमिल जमीन पर अपना कच्चा आवास बनाकर रहते आ रहे हैं। अभी हाल ही में इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है और इसी के तहत चारों परिवार की ओर से पक्के आशियाने का निर्माण करवाया जा रहा था। इसी बीच वन विभाग के एक पदाधिकारी ने इनके गृह निर्माण कार्य को रोक दिया है। न सिर्फ कार्य को रोका है बल्कि परिवारों को इस जगह को छोड़कर अन्यत्र चले जाने की सख्त हिदायत दी है ।और साथ ही कहा है कि और अगर वो यहाँ से नहीं गए तो बुलडोजर लगाकर इनके घर को धराशाई कर दिया जाएगा ।वन विभाग के पदाधिकारी के धमकी के बाद इन दलित परिवारों में दहशत का माहौल कायम हो गया है।पट्टे का कागज लेकर कभी बीडीओ के पास तो कभी सीओ के पास दौड़ते-दौड़ते ये परेशान हो चुके हैं।
वन विभाग के वरीय पदाधिकारी से भी लगा चुके है गुहार
वन विभाग के वरीय पदाधिकारियों से भी मिलकर गुहार लगाई।लेकिन राहत नहीं मिल रही है। लेकिन परिवार वाले बताते है कि इन्हें 12 डिसमिल जमीन का वनाधिकार पट्टा लगभग 60 वर्ष पूर्व ही मिल चुका था।और उसी के आधार पर उन्हें इंदिरा आवास का भी लाभ लगभग 25 वर्ष पहले मिला था। लेकिन जब प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला तो वन विभाग ने आवास निर्माण कार्य पर लगा दी।
महिलाएँ कह रही परिवार बढ़ रही है तो घर तो बनाना ही पड़ेगा
परिवार की महिलाओं की बात करें तो उनका कहना है कि तब परिवार छोटा था और जरूरतें कम थी। कम जगह की आवश्यकता थी तो किसी तरह काम चल जाया करती थी।लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार बड़ा होता गया और सदस्यों की संख्या बढ़ने पर जब प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत इन्होंने नए घर बनाने का काम शुरू किया। तो वन विभाग की तरफ से इन्हें धमकी देते हुए काम को रुकवा दिया गया ।और सबसे अहम बात यह कि इन्हें योजना की पहली किस्त भी प्राप्त हो गई है लेकिन कार्य रुक जाने के कारण आगे की राशि भी रुक गई ।और अपने पक्के आशियाने में रहने का सपना भी फुर्र होता दिख रहा है ।अब यह गरीब जाएं तो कहां जाएं ।
डीडीसी ने कहा मामले की है जानकारी नहीं,करवाएंगे जाँच
वही डीडीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि उन्हें संज्ञान में नहीं था, अगर ऐसा है तो बीडीओ को भेजकर उनके वन अधिकार पट्टा की जाँच कराएंगे, साथ ही वन विभाग के वरीय अधिकारियों से बात कर मामले का पटाक्षेप कराएंगे ताकि इनका आवास बन सके।
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