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लाव-लश्कर के साथ वन विभाग अधिकारी प्लॉट जांच के लिए पहुंचे , अचानक सक्रियता पर उठ रहे हैं सवाल

सालानपुर । सालानपुर ब्लॉक अंतर्गत होदला मोजा स्थित (लेफ्ट बैंक डीवीसी एचएस स्कूल के पीछे) वन विभाग रिजर्व फॉरेस्ट की प्लॉट संख्या 493 की तलाश में रविवार को होदला बिट अधिकारी (डिप्टी रेंजर) अमलेंदु विश्वास के नेतृत्व में भारी लाव-लश्कर के साथ अभियान चलाकर वन विभाग जमीन की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया गया।

फॉरेस्ट विभाग के आस-पास की दर्जनों बीघा खेतिहर भूमि को इन दिनों प्लॉटिंग कर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है । साथ ही स्थानीय लोगों की निजी जमीन से भी वन विभाग की जमीन की सीमा लगती है । ऐसे में वन विभाग द्वारा अभियान के कारण पूरे क्षेत्र में हलचल की स्थिति बनी रही ।

वन विभाग द्वारा प्राईवेट जमीन सर्वेयर द्वारा काम लिया जाना भी कई सवालों को जन्म दे रहा है । पूरे प्रकरण की जानकारी ना स्थानीय पुलिस को दी गयी और ना ही भू विभाग को दी गई। कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग की कार्यवाही किसी के व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए किया गया है ।

वन विभाग की भूमिका पर उठ रहे हैं कई सवाल

स्थानीय लोगों की माने तो बड़े पैमाने पर की जा रही प्लॉटिंग के लिए वन विभाग के सहयोग के बिना आवागमन के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं हो सकता है। सूत्रों की माने तो प्लॉटिंग कर रहें सिंडिकेट द्वारा रास्ता के लिए वन विभाग के पास गुपचुप तरीके से अर्जी लगाने की सूचना है ।

सिंडिकेट द्वारा ग्राहक को जमीन बेचने में आज रास्ते की समस्या सबसे बड़ा अड़चन है, जिस कारण प्रतिदिन ग्राहक वापस भी लौट रहे हैं । ऐसे में जमीन सिंडिकेट द्वारा जिस सर्वेयर से काम लिया जाता है उसी सर्वेयर को वन विभाग द्वारा सर्वे करवाना कितना सही है? यह प्रश्न वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ी करती है। मौके पर उपस्थित प्लॉटिंग सिंडिकेट के एक व्यक्ति द्वारा बिट अधिकारी से अपनी सुविधा के लिए एनओसी की भी मांग की गई है।

मौके पर उपस्थित होदला बिट अधिकारी (डिप्टी रेंजर) अमलेंदु विश्वास ने कहा कि पूरी कार्यवाही सालानपुर रेंज के अधिकारी सोरेश कुमार साधु की जानकारी में की जा रही है। वन विभाग की जमीन को गूगल मैप से चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही चिन्हित जगहों पर पिलर द्वारा मार्किंग किया जाएगा।

प्लॉट संख्या 493 में किसी प्रकार की डिस्प्यूट अथवा एफआईआर के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह विभाग की गोपनीय बात है इसे उजागर नहीं किया जा सकता है। फ़िलहाल वन विभाग की अचानक सक्रियता को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है ।

Last updated: जुलाई 26th, 2020 by Guljar Khan