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चित्तरंजन के झील से मुँह मोड़ रहे विदेशी मेहमान

विदेशी मेहमान पक्षी

चित्तरंजन नगरी स्थित कर्नल सिंह के झील में हरसाल इस समय मनमोहक नजारा देखने को मिलता है । प्रति वर्ष अक्टूबर से लेकर फरवरी तक देशी व विदेशी पक्षियों का समूह कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए यहाँ आते हैं। जो इस झील की सुन्दरता को चार चांद लगा देते हैं। लेकिन इस समय यह झील जलकुंभियों से भरी पड़ी है जिससे इसका पानी प्रदूषित हो रहे है साथ-साथ झील के आसपास विभिन्न चार पहिया बाहन जाने के कारण विदेशी पक्षियों ने इस साल झील से लगभग मुँह मोड़ लिया है। इस झील में वर्तमान में विदेशी पक्षियों की जगह सिर्फ चील और कौआ को देखा गया ।

पक्षियों के कम आने के कारण इससे पक्षी प्रेमी काफी दु:खी

अब नहीं दिखते हैं ये दृश्य

हालाकि नवम्बर में इन पक्षियों का आना शुरू हो गया है। लेकिन इनकी संख्या काफी कम है, यानि नहीं के समान है। पक्षी विशेषज्ञ ने बताया झील किनारे संयुक्त इलाका में काफी नेटवर्क सर्वर लगाया हुआ है जिसके वजह से भी विदेशी पक्षियों की संख्या में दिन पर दिन गिरावट आ रही है। झील में गंदगी के कारण ही नहीं , झील किनारे एक विशालकाय घर बनाया गया जहाँ मछली पकड़ने वाले लोग रहते है । डैम किनारे गाना-बजा के साथ विभिन्न पिकनिक पार्टी भी किया जाता है । ये एक बड़ा कारण है पक्षियों का कम आना ।

पक्षी प्रेमियों का कहना है कि उनकी चहचहाहट सुनने को नहीं मिल रही है। विदेशी पक्षी इस वृहत्तर झील में सर्दी से बचने के लिए विदेश व देश के अन्य हिस्सों से आते है। एकमात्र झील से जलकुंभियों के सफाई व आसपास में चलने वाले वाहन को बंद कराई जाने के बाद ही इनकी संख्या में जो कमी आ रही थी उसमें वृद्धि होने के संभव है।

स्थानीय तृणमूल नेता स्वमोल गोप ने बताया कि कर्नल सिंह झील किनारे चित्तरंजन लोकोमेटिव कारखाने के पीछे एक सड़क से काफी संख्या से बालू के ट्रैक्टर का आना-जाना है जिससे पक्षियों का आना काफी कम होगया ।

कारण ढूँढने की हो रही कोशिश

चित्तरंजन के जनसंपर्क आधिकारिक मन्तर सिंह ने बताया कि चित्तरंजन के इस झील में प्रति वर्ष इन विदेश से आने वाले पक्षियों के लिए भारी भीड़़ उमड़ती है। सर्दियों की आमद के साथ ही आधा सैकड़ा से ज्यादा प्रजातियों के विदेशी मेहमानों ने भी दस्तक देती है। प्रकृति की गोद में अपना आशियाना सजा ने के लिए । लगभग पाँच हजार किमी की दूरी की उड़ान भरकर विदेशी परिंदे साइबेरिया, मध्यचीन, आस्ट्रेलिया तथा मंगोलिया के अलावा हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों से हजारों की तादात में यहाँ आते हैं। लेकिन कुछ सालों से इनकी काफी कमी है । इसके कारण ढूंढा जा रहा है। साथ ही चित्तरंजन नगरी कर्नल सिंह पार्क समीप झील को गंदगी जल्दही साफ किया जाएगा ।

Last updated: दिसम्बर 30th, 2018 by kajal Mitra