केरल से बिहार जा रहे प्रवासी मजदूरों को आसनसोल रेलवे द्वारा ट्रेन में बासी खाना सौंपने के आरोप लग रहे हैं , टीएमसी विधायक सह आसनसोल के मेयर जितेंद्र तिवारी ने भी रेल और केंद्र सरकार पर लापरवाही और बासी खाना देने का आरोप लगाया है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए रेल द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। इसी तरह की एक ट्रेन केरल से बिहार के मजदूरों को लेकर दानापुर के लिए निकली थी, जो सोमवार 4 मई को पश्चिम बंगाल के आसनसोल रेलवे स्टेशन पहुँची। आसनसोल रेलवे स्टेशन पर रुकने के बाद उन्हें खाने का खाना और पीने का पानी दिया गया लेकिन ट्रेन के चले जाने के बाद खाने को लेकर चौकाने वाला वीडियो सामने आ रहे हैं।
अब कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे रेलवे में सफर कर रहे लोग रेल प्रबंधन के द्वारा दिए गए खाने को लेकर अपना रोष प्रकट करते हुए उसे बाहर फेंक रहे हैं।
इस दौरान ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने कुछ वीडियो भी बनाया है, जिसमें साफ देखा और सुना जा सकता है कि कैसे वे लोग रेलवे द्वारा परोसे गए खाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। साथ ही लोग यह कह रहे हैं कि केरल से यहाँ तक आने में उन्हें अच्छा खाना दिया गया लेकिन बंगाल के आसनसोल पहुँचने पर उन्हें ऐसा खाना दिया गया है जो उन्हें बीमार कर सकता है , क्योंकि वह न केवल बासी है बल्कि गंध दे रहा है।
इधर इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। आसनसोल नगर निगम के मेयर सह पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कॉंग्रेस के विधायक जितेंद्र तिवारी ने इसे रेल की बड़ी लापरवाही बताया है।
आसनसोल के भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो पर हमला करते हुये उन्होने कहा कि रेलवे में जब अपनी तारीफ करवाने वाली खबर होती है तो फ़ोटो खिंचवाने में लग जाते है लेकिन जब रेल द्वारा बासी खाना दिया जा रहा हैं और लोग उसे फेंक रहे है तो कोई कुछ नहीं बोलेगा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री सह आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो पर कटाक्ष करते हुये कहा कि वे अपने बाल बनवाने में व्यस्त है और इस मामले पर कुछ नहीं बोलेंगे।
यह मामला गरीबों के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है , जब कोटा से विद्यार्थियों या फिर विदेश से अमीर लोगों को लाने होते हैं तो पूरा सरकारी तंत्र चाहे राज्य हो या केंद्र अपनी सेवा देने के लिए उतावला हुआ रहता है और जब गरीबों को उसके घर जाने होते हैं तो यह जानकारी भी नहीं रखते हैं कि उन्हें जो खाना दिया जा रहा है वो ताजा और शुद्ध है कि नहीं।
इस वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि लोग खिड़कियों से खाने के पैकेट फेंक रहे हैं और वहीं पर रेलवे के आरपीएफ़ एवं अन्य अधिकारी खड़े हैं किसी ने पूछना भी जरूरी नहीं समझा कि खाने में क्या खराबी है।