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बांसड़ा कोलियरी खधान मैं हुए दुर्घटना की प्रथम चरण रिपोर्ट आई, ‘हार्ड लैंडिंग’ को बताया वजह, श्रमिकों का आरोप नहीं होती खधान की नियमित जाँच

ईसीएल कुनूस्टोरिया एरिया के तहत चलने वाली बांसड़ा कोलियरी मैं हुए खधान दुर्घटना के पीड़ित तीन खधान श्रमिक आज जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। घटना की जाँच करने के लिए इस जल मुख्यालय के सुरक्षा अधिकारी एवं डी. जी.एम. एस. के अधिकारीगण जाँच पड़ताल में लगे हैं। प्रथम चरण में यह स्पष्ट हुआ कि “ हार्ड लैंडिंग” की वजह से यह दुर्घटना घटी। लेकिन हार्ड लैंडिंग क्यों हुआ इसकी वजह तलाशने में सुरक्षा अधिकारी जाँच कर रहे। खान को बंद कर दिया गया है। आज भी श्रमिकों में आक्रोश देखने को मिलता है।

जाँच कर रहे अधिकारियों के ऊपर कार्यरत श्रमिकों ने यह आरोप लगाया है कि खान को चलाने के लिए जिस प्रकार की नियमित मेंटेनेंस की जरूरत है उस जरूरत को प्रबंधन पूरी तरह पूरा नहीं करती है। प्रत्येक दिन डोली अर्थात लिफ्ट वेंटीलेशन पंप का नियमित रूप से प्रत्येक दिन जाँच करने का प्रावधान है लेकिन आरोप यह है कि कस्तूरिया एरिया प्रबंधन मात्र उत्पादन चाहती है, लेकिन संसाधन देने में काफी अनियमितता है। संसाधन विभाग अर्थात मटेरियल मैनेजर कार्यालय सूत्रों का कहना है कि हम लोगों का हाथ बंधा हुआ है । महीनों दर महीनों वित्त विभाग संसाधन खरीदने वाली फाइल को दबा कर रख देते हैं। हालांकि वित्त विभाग इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। महाप्रबंधक ए.के कुंडू ने कहा कि जाँच पड़ताल चल रही है डोली टूटी नहीं है हार्ड लैंडिंग का मामला है।

सूत्रों का कहना है कि या तो ईश्वर कृपा रही की हार्ड लैंडिंग के पश्चात श्रमिकों की जान बच गई कोई विशेष अनहोनी नहीं हुई अन्यथा ऐसे घटना में श्रमिक का जान बचाना मुश्किल हो जाता है।

मंगलवार को सैम 5 बजे द्वितीय पाली में डोली से अंडर ग्राउंड में जाने के दौरान इंजन ओवर वाइंडिंग होने के कारण हार्ड लैंडिंग में सवार 11 श्रमिक लगभग 28 से 30 फुट भूगर्भ के नीचे डोली सहित जा गिरी । जिसमें मोहम्मद नसीरउद्दीन, बबलू मांझी एवं राम सुबोध चौहान को गंभीर अवस्था में दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि भोला मिस्त्री, घनश्याम पासवान, हैदर अली, गोपाल लोहार को ईसीएल के कल्ला अस्पताल में भर्ती कराया गया। चंदन बाउरी, रामजी साव, बहरउद्दीन मियां, राधेश्याम कोयरी को बांसड़ा अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।

Last updated: अगस्त 19th, 2020 by News-Desk Raniganj