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देश के विकास में ग्रामीण भारत की भूमिका पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन

बिना संसाधन उपलब्ध कराए किसानों को ऋण देने से उनकी स्थिति और बिगड़ती जाती है : डॉ० अनिल कुमार ठाकुर

मधुपुर: सोमवार को मधुपुर महाविद्यालय सभागार में ‘फाइनेंशियल इंक्लूजन इन द डेवलपमेंट ऑन रोल ऑफ रूलर इंडिया’ विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते मुख्य वक्ता आइईए पटना के संयुक्त सचिव सह कोषाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ० अनिल कुमार ठाकुर ने वित्तीय समावेशन के स्वरूप पर विस्तृत चर्चा की। कहा कि सिर्फ बैंकों में खाता खुलने से किसानों की परेशानी दूर नहीं होगी। किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए सरकार को और सिस्टम को स्किल्ड करना होगा। बिना संसाधन उपलब्ध कराए किसानों को ऋण देने से उनकी स्थिति और बिगड़ती जाती है। रुरल एरिया का अस्तित्व बनाये व जिंदा रखने की सख्त जरूरत है। मिट्टी से बने अधिकांश सामान चाइना से इम्पोर्ट होता है ऐसे में यहाँ के हुनरमंद ग्रामीणों के हाथों से बनाए गए सामानों का महत्त्व कम हो जाता है। किसानों को देश के वित्तीय समावेशन की जानकारी तक नहीं है। जब तक सभी किसान संपूर्ण रूप से साक्षर नहीं होंगे तब तक वित्तीय समावेशन की परिकल्पना पूरी नहीं हो सकती और ना ही ग्रामीण विकास की अवधारणा।

रूरल ग्रामीण विकास तभी संभव है जब सभी सिद्धांत और मापदंड को एक नई नीति के तहत समावेशित किया जाय : प्रोफेसर देवेंद्र अवस्थी

विशिष्ट अतिथि आइईए यूपी के संयुक्त सचिव प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र अवस्थी ने वित्तीय समावेशन के द्वारा भारत के ग्रामीण विकास के संदर्भ में अपने विचारों को रखा। रूरल (ग्रामीण) विकास तभी विकसित होगा जब विकास के सभी सिद्धांत और मापदंड को एक नई नीति के तहत समावेशित होगा। नई सोंच जो अर्थशास्त्र में आनी चाहिए इसके लिए पुनर्विचार करने की जरूरत है। विकास दर के मुख्य स्वरूप को दृष्टिपात करने की जरूरत है जो अमूमन नहीं हो रहा है।

डॉक्टर निखिल चंद्र झा ने व्याख्यानमाला के विषय पर ग्रामीण विकास में वित्तीय समावेश के योगदान के लिए एक स्पष्ट व्याख्या प्रस्तुत किया। प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर पशुपति कुमार राय ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन डॉ० रंजीत कुमार ने किया।

मौके पर डॉ० भरत प्रसाद, डॉ० रत्नाकर भारती, डॉ० राणा प्रताप सिंह, डॉ० अश्वनी कुमार, डॉ० कामेश्वर मिश्रा, डॉक्टर शिव शंकर राउत, डॉ० आलम शेख, डॉ० नूर नबी अंसारी, डॉ० उत्तम कुमार शुक्ला, सांजलि कौशर, तबस्सुम अंसारी, आरजू बेगम, रामचंद्र झा, शिवनंदन राय, मोहम्मद मुजम्मिल अंसारी, इंदु पटेल समेत छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

Last updated: अप्रैल 16th, 2019 by Ram Jha