रानीगंज इलाके में जीएसटी के अधिकारियों के द्वारा सर्वेक्षण को लेकर व्यापारियों में एक बार हड़कंप मच गई है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी में अनियमितता को देखते हुए विभाग ने सर्वेक्षण का काम शुरू किया है।
सूत्रों के मुताबिक मेडिकल शॉप, मनिहारी एवं ग्रॉसरी कैटरिंग, चाय पत्ती के दुकानों में बाहर हाल जाँच पड़ताल की गई। दुकानदारों से दैनिक बिक्री एवं खरीदारी की कागजात का लेखा-जोखा की जाँच की गई । मारवाड़ी पट्टी के चोपड़ा चाय पत्ती के दुकान में अनियमितता पाए जाने को लेकर उनके दुकान के कागजात को भी जब्त किया।
एक व्यापारियों ने बताया कि 1 जुलाई 2017 से सभी टैक्स को मिलाकर नया जीएसटी टैक्स बनाया गया परंतु जीएसटी टैक्स एक्ट की जटिलता के कारण अभी तक जीएसटी के बारे में सटीक रूप से जीएसटी के अधिकारी भी नहीं समझ पाए हैं , इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है।
आए दिन जीएसटी के अधिकारी व्यवसायियों के पास जाकर व्यापार की लेखा-जोखा के कागजात साथ ले जा रहे हैं , जिसके कारण व्यापारियों को व्यापार करने में भय का माहौल व्याप्त है ।
जीएसटी में अरबों की जालसाजी हो रही है
कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जीएसटी में अरबों की जालसाजी हो रही है। जीएसटी का सिस्टम जो केंद्र सरकार द्वारा लाया गया है उसमें बहुत सारी त्रुटियाँ हैं उच्च स्तर के व्यापारी फर्जी कंपनी बनाकर जीएसटी का बिल इश्यू करके सरकार को टैक्स की रकम का चूना लगा रहे हैं सरकारी तंत्र इस फर्जीवाड़ा को पकड़ने में असमर्थ हैं ।
अभी हाल में ही दिल्ली में 5000 करोड़ रुपए का जीएसटी टैक्स का घोटाला सामने आया है । कोलकाता में भी छापामारी हुई है । सरकार को जीएसटी का कलेक्शन कम मिल रहा है उसकी भरपाई के लिए अब सरकारी तंत्र छोटे व्यवसायियों को तंग कर रही है । महानगरों में जो बड़े लोग इस तरह का घोटाला कर रहे हैं , वह बच कर निकल जा रहे हैं एवं छोटे व्यवसायियों पर आफत आ जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी का सरलीकरण होना काफी जरूरी है , नहीं तो आने वाले दिन में व्यवसायियों का जीना दूभर हो जाएगा ।
रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संदीप भालोटिया ने बताया कि हम लोगों के पास कोई भी व्यापारी का शिकायत नहीं आई है। जिस पर हम लोग अधिकारियों के विरोध में कोई भी कार्यवाही करें अथवा जानकारी मांगे कानूनी प्रक्रिया पर जबरन हम लोग कुछ भी करने में असमर्थ हैं।