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आलू की बोआई को लेकर किसान असमंजस की स्थिति में

साहिबगंज। शहर के ग्रामीण इलाके सहित समस्त प्रखंडों में बढ़ती आलू की कीमतें, किसानों का सर दर्द बढ़ाने का काम कर रही हैं । धान की कटाई के साथ ही लोग खेतों में आलू लगाने के लिए उत्सुक हैं।

वहीं आलू की कीमत इतनी ज्यादा है कि अगर किसान कर्ज लेकर भी आलू खरीद कर खेतों में रोपाई करते हैं, तो जब तक उनका आलू तैयार हो जाता है, तब तक आलू की कीमत में गिरावट हो जाती है। यह सोचकर किसान काफी परेशान हैं।

ज्ञात हो कि किसानों को किसी प्रकार की आलू की खेती में अनुदान भी नहीं मिलती है। इसीलिए किसानों के लिए यह सर दर्द बन गया है ।

जब इस संवाददाता ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया तो पता चला की शहर के सभी इलाके में आलू की कीमत में काफी वृद्धि है। अब किसान इस असमंजस में फंसे हैं की आलू अपने खेतों में लगाएं या नहीं ।

अगर लगाते हैं तो आलू की कीमत गिरते ही उन्हें काफी नुकसान हो सकता है। यह सोचकर किसान के मन में दुविधा आ रही है। आलू की कीमत में दिन -प्रतिदिन बढ़ोत्तरी ही नजर आ रही है। कहीं किसी और प्रकार से आलू की कीमत में गिरावट नजर नहीं आ रही है।

किसानों का कहना है कि बंगाल से आलू का अगर आयात किया जाए तो आलू की कीमत में कुछ गिरावट आ सकती है। लेकिन उनका यह भी मानना है कि मंडी में आलू स्टॉक है लेकिन किसानों को देने के लिए बे तैयार नहीं है। अगर इस वर्ष किसान खेत में आलू नहीं लगाएंगे तो आने वाले समय में आलू के दामों में गिरावट नहीं होगी। ज्ञात हो कि इस समय आलू के एक पैकेट की कीमत 2200 से 2500 रुपए के बीच है।

Last updated: नवम्बर 29th, 2020 by Sanjay Kumar Dheeraj