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पत्नी की गला दबाकर, बेटे की गला काटकर और बेटी की जहर देकर हत्या

अग्रवाल उर्फ माहेश्वरी परिवार की फैमिली फोटो

हजारीबाग में हृदय विदारक घटना, कर्ज में डूबे कारोबारी परिवार के छह सदस्यों की मौत

हजारीबाग : झारखंड की राजधानी रांची से 90 किलोमीटर स्थित हजारीबाग से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी. शनिवार देर रात कर्ज में डूबे एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत से पूरा जिला सन्न रह गया. शुरूआती जाँच में मौत की वजह कर्ज को बताया गया है, लेकिन हत्या की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है. घटना हजारीबाग के सदर थाना क्षेत्र स्थित मुनगा बगीचा के खजाँची तालाब के पास की बतायी जा रही है.

बताया जा रहा है कि परिवार के छह सदस्यों में दो सबसे बुजुर्ग सदस्यों (पति-पत्नी) ने फांसी लगाकर जान दी. एक बच्चे की धारदार हथियार से हत्या की गयी, जबकि एक बच्ची को जहर देकर मारा गया. एक महिला की गला दबाकर हत्या की गयी है. एक व्यक्ति की टेरेस से गिरने से मौत हुई है. बताया जाता है कि इसी शख्स ने पहले अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या की ओर अंत में टेरेस से कूदकर आत्महत्या कर ली. इस शख्स का नाम नरेश अग्रवाल है.

बीमारी+दुकान बंद+दुकानदारों का बकाया न देना + बदनामी + कर्ज = तनाव (टेंशन) = मौत

शहर के सीबीएम अपार्टमेंट के तीसरे तल्ले के 303 और 304 नंबर फ्लैट में नरेश माहेश्वरी अपने पूरे परिवार के साथ रहता था. परिवार में उसकी मां, पिता, पत्नी और दो बच्चे थे. पुलिस को अपार्टमेंट के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. ब्राउन लिफाफे पर लाल स्याही से लिखा है कि अमन को लटका नहीं सकते थे. इसलिए उसकी हत्या की गयी. इसके नीचे नीली स्याही से मोटे अक्षरों में सुसाइड नोट लिखा है और उसके नीचे लिखा है : बीमारी+दुकान बंद+दुकानदारों का बकाया न देना + बदनामी + कर्ज = तनाव (टेंशन) = मौत.

पत्नी की गला दबाकर, बेटे की गला काटकर और बेटी की जहर देकर हत्या

घटना हजारीबाग के खजाँची तालाब के निकट सीडीएम अपार्टमेंट की है. मृतकों के नाम नरेश अग्रवाल (40), महावीर माहेश्वरी (70), किरण अग्रवाल (65), प्रीति अग्रवाल (38), अन्वी अग्रवाल (6) और अमन (8) अग्रवाल हैं. परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति महावीर अग्रवाल (70) ने और उनकी पत्नी किरण अग्रवाल (65) ने फांसी लगाकर अपने जीवन का अंत किया, तो नरेश अग्रवाल ने धारदार हथियार से गला काटकर अपने बेटे अमन को मार डाला. संभवत: पत्नी प्रीति अग्रवाल की गला दबाकर हत्या की. नरेश की बेटी अन्वी अग्रवाल की मौत की वजह जहर बतायी जा रही है. किरण माहेश्वरी और उनकी बहू प्रीति अग्रवाल का शव एक कमरा में मिला है, जबकि दूसरे कमरे में महावीर माहेश्वरी और उनके पोते अमन का शव मिला. नरेश की तीन साल की बेटी अन्वी का शव बरामदे में पड़ा मिला. नरेश अग्रवाल का शव फ्लैट के नीचे कम्पाउंड में मिला.

50 लाख रुपये के कर्ज में डूबा था पूरा परिवार

शुरुआती जाँच में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन पुलिस हत्या की आशंका से भी इन्कार नहीं कर रही है. कहा जा रहा है कि एक साथ छह लोगों की मौत के इस मंजर से ऐसा लगता है कि किसी ने इन सबकी हत्या कर दी है.घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुँचे डीएसपी ने बताया कि नरेश के घर से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. इसमें मौत के कारणों का जिक्र किया गया है. सुसाइड नोट में लिखा है कि नरेश कर्ज में डूब गया था. उसका कारोबार भी सही नहीं चल रहा था कि वह लोगों का कर्ज चुका सके. कर्ज से परेशान होकर उसने ऐसा कदम उठाया है. नरेश अग्रवाल उर्फ नरेश माहेश्वरी का पूरा परिवार 50 लाख रुपये के कर्ज में डूबा था. नरेश का ड्राइ फ्रूट्स का पुश्तैनी धंधा दो महीने से ठप था.

पड़ोसी ने कंपाउंड में नरेश अग्रवाल को गिरा देखा

नरेश माहेश्वरी के एक पड़ोसी कुलदीप कृष्णा ने बताया कि सुबह उसकी मां ने उसे नींद से जगाया और कहा कि नरेश माहेश्वरी नीचे गिरा हुआ है. लगता है बेहोश है. उन्होंने आकर देखा तो उसकी सांसें नहीं चल रहीं थीं. वह मृत पड़ा था. इसके बाद उन्होंने नरेश के रिश्तेदार को इसकी सूचना दी. पुलिस को भी फोन कर इसकी जानकारी दी. बाद में पता चला कि परिवार के सभी सदस्यों की मौत हो चुकी है.

पड़ोसियों ने बताया कि यह मारवाड़ी परिवार सूखे फलों का कारोबार करता था. पिछले कुछ दिनों से कारोबार में भारी नुकसान झेल रहा था. इसके चलते परिवार में आये दिन झगड़े हुआ करते थे. आशंका है कि इन्हीं परेशानियों के बाद परिवार ने यह कदम उठाया.

ऐसी घटनाओं से समाज पर पड़ता है बुरा असर

घटना की जानकारी मिली, तो सदर विधायक मनीष जायसवाल भी वहाँ पहुँचे. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं का समाज पर दुष्प्रभाव पड़ता है. मनुष्य के जीवन में विपत्ति या संकट आता है. कुछ क्षण के लिए मन विचलित भी होता है, लेकिन इस तरह का निर्णय गलत है. समाज को जागरूक होना होगा. हम सबको मिलकर एक-दूसरे के दुःख-सुख में शामिल होना होगा, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो.

उन्होंने कहा कि परिवार की सामूहिक मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. पुलिस तत्परता और सक्रियता से अनुसंधान में जुटी है. पुलिस को जल्द से जल्द इस घटना के निष्कर्ष तक पहुँचना चाहिए, ताकि मृत्यु क कारणों का खुलासा हो सके।

Last updated: जुलाई 15th, 2018 by Ravi kumar Verma