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ऐतिहासिक मजार शरीफ को लेकर विवाद गहराया

*धनबाद रेलवे स्टेशन स्थित मजार को लेकर विवाद गहराया*

झरिया । धनबाद रेलवे स्टेशन के समीप स्थित ऐतिहासिक मजार शरीफ को लेकर विवाद गहरता जा रहा है। मजार के सज्जादा नशीन अब्दुल वाजिद खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कई गंभीर बातें सामने रखी हैं। अब्दुल वाजिद खान ने बताया कि उनके दादा सूफी संत हज़रत जलाल शाह सबिली (रहमतुल्लाह अलैह) का देहांत वर्ष 1979 में हुआ था और उनकी कब्र मुबारक इसी स्थल पर स्थित है। उन्होंने कहा कि दादा के इंतकाल के बाद समाज के कई गणमान्य लोगों की मौजूदगी में उनकी सज्जादा नशीन के रूप में ताजपोशी की गई थी। वाजिद खान ने दावा किया कि मस्जिद एवं मजार शरीफ की कुल जमीन 31 डेसिमिल है। इस संपत्ति को लेकर वर्ष 1989 में न्यायालय ने निर्णय दिया था कि इस जमीन पर रेलवे का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि यह जमीन वक्फ बोर्ड के नाम पर रजिस्टर्ड है और यहां से प्राप्त दान राशि सीधे कल्याण विभाग को भेजी जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ व्यक्तियों द्वारा मस्जिद एवं मजार की संपत्ति पर अवैध कब्जा किया गया है और इसका अनुचित उपयोग किया जा रहा है। उनका कहना है कि दानपेटी की राशि का भी सही लेखा-जोखा नहीं रखा जा रहा। उन्होंने यह भी बताया कि मजार परिसर के एक कमरे पर भी अवैध कब्जा है, जिस कारण उन्हें लगातार धमकियों और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वाजिद खान ने कहा कि वर्ष 2017 में गठित समिति का कार्यकाल वक्फ नियमावली, 2004 के अनुसार तीन वर्ष का ही था, किंतु उसके समाप्त होने के बाद भी पुरानी समिति ही कार्यरत है। इस कारण कई सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया। उन्होंने जिला प्रशासन, न्यायालय, कल्याण विभाग एवं सुन्नी वक्फ बोर्ड से कई बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हाल के दिनों में, उन्होंने दावा किया कि कुछ लोगों ने मस्जिद एवं मजार परिसर में तोड़फोड़ कर आर्थिक क्षति पहुंचाई है। वाजिद खान ने प्रशासन और वक्फ बोर्ड से अपील की है कि इस धार्मिक स्थल को विवादों से मुक्त कराया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आस्ताना शरीफ की गरिमा और पवित्रता बनी रहे।

संवाददाता – शमीम हुसैन

Last updated: सितम्बर 14th, 2025 by Arun Kumar