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क्या..? खाली कुर्सिया ही लिखेगी पंचायत चुनाव की गाथा

कल्याणेश्वरी: आगामी पंचायत चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियाँ अपनी पृष्ठ भूमि स्थापित करने की होड़ में शामिल हो चुकी है । ऐसे में बाराबनी विधायक की बात करे को तो उनके द्वारा विधानसभा में किये गए विकास कार्य चुनाव जीतने के लिए संतोषजनक प्रतीत हो रहे हैं क्योंकि पूरे विधानसभा में शायद ही ऐसा कोई गाँव या क़स्बा है, जहाँ उनके प्रयास से सड़क, पानी बिजली, स्कूल के कार्य नहीं किए गए हो, किन्तु एक दशक से देन्दुआ ग्राम पंचायत जीतने का सपना एक बार फिर से धूमिल होता नज़र आ रहा है। जिसमें देन्दुआ ग्राम में तृणमूल पार्टी में गुटबाजी और यहाँ के नेताओ की लालच ही विधायक की नईया डुबोने के लिए काफी होगी|

भीड़ नहीं होने से नाराज हो गए विधायक विधान उपाध्याय

सलानपुर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी तपन सरकार तथा एडीडीए अभियंता सत्यजित मुखर्जी के साथ संयुक्त रूप से सड़क का उद्घाटन करते विधायक विधान उपाध्याय

शुक्रवार को आसनसोल दुर्गापुर डेप्लोप्मेंट ऑथोरिटी मद से 38 लाख 89 हजार 45 की लागत से बथानबाड़ी मोड़ से मैथन डैम सुलेमान पार्क तक बनने वाली पक्की पी सी सी सड़क निर्माण कार्य उद्घाटन हेतु बथानबाड़ी विधायक विधान उपाध्याय पहुँचे थे| किन्तु सभा स्थल पर भीड़ नहीं देखकर विधायक को नागवार गुजरी सैकड़ों कुर्सियाँ खाली थी| फलस्वरूप विधायक को बोलने के लिए माईक की व्यवस्था तो की गयी थी, किन्तु वे यहाँ के नेताओं से इतना नाराज़ दिखे कि कुछ नहीं बोलना ही बेहतर समझा। महज कुछ समय रुके और सलानपुर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी तपन सरकार तथा एडीडीए अभियंता सत्यजित मुखर्जी के साथ संयुक्त रूप से निर्माण कार्य का उद्घाटन कर चलते बने|कार्यक्रम उद्घाटन समारोह में सलानपुर ब्लॉक अध्यक्ष मो० अरमान. भोला सिंह, जे पी सिंह, रानू राय,बिमल गोराई, सुसान्तो हेम्ब्रम, फिरोज अंसारी आदि उपस्थित थे|

केंदुआ पंचायत में आपसी गुटबाजी चरम पर

बताया जाता है कि पार्टी की ही एक बड़े ओहदे पर बैठे नेता की मनमानी से देन्दुआ ग्राम पंचायत तृणमूल में दो फाड़ हो गयी है. जिससे विरोधी दल की नेता भी आज चाँदी काट रहे है| विडम्बना यह है कि स्थानीय जनता भी अब इस गुटबाजी के शिकार हो रहे है| आखिर जाये तो किसके पास । ऐसे में एक तरफ जहाँ विधायक विधान उपाध्याय जनसमर्थन प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी तरफ स्थानीय नेता पैसा कमाने की होड़ में जनसमर्थन गँवा रहे है|

Last updated: फ़रवरी 9th, 2018 by Guljar Khan