ईसीएल परित्यक्त कोयला खदानों हो रहे मछली पालन स्वनिर्भर हो रहे हैं युवा , मंत्री मलय घटक ने दी थी योजना
मंगलवार को सलानपुर में छोटा पुखुर माँछ चास योजना के तहत 3 किसानों को 20-20 किलोग्राम(1000) पीस मत्स्य जीरा के साथ 30 किलोग्राम चूना जल संसोधन के लिए दिया गया। जिसमें बसुदेवपुर जेमारी के कृष्णकांत सेन, सामडीह से विमल कुमार दत्तो एवं आचड़ा से कन्हाई धीवर को चारा एवं चूना दिया गया। मत्स्य पालन फिसरी मिनरल्स ग्रुप मैथन डैम के मछुआरों को दो बोरा जाल एवं पाँच हांडी दिया गया। मौके पर मुख्य रूप से जिला परिषद विभागाध्यक्ष मो०अरमान, पंचायत समिति उपसभापति विद्युत मिश्रा, समिति पषुपालन विभागाध्यक्ष सुशांतो हेम्ब्रम, सालानपुर मत्स्य अधिकारी प्रवीर मजूमदार , बबलू घासी समेत अन्य उपस्थित थे।
लाभुकों को मछली जीरा वितरण के दौरान पंचायत समिति सभापति फाल्गुनी कर्मकार घासी ने कहा कि मत्स्य पालन से सालानपुर ब्लॉक स्वनिर्भर की पथ पर अग्रसर है। इसके लिए मत्स्य विभाग एवं पंचायत समिति भी मत्स्य पालन गोष्ठी एवं समूहों की समय-समय पर उनकी सहायता के लिए तत्पर रहती है।
ईसीएल परित्यक्त कोयला खदानों में हो रहा है मछली पालन
ब्लॉक क्षेत्र में मछली पालन, बिक्री को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। वैज्ञानिक पद्धति को अपनाते हुए छोटे छोटे तालाब में किसान मछली पालन कर जीविकोपार्जन कर रहे है। साथ ही दर्जनों स्वयं सेवक संगठन ईसीएल परित्यक्त कोयला खदानों मछली पालन कर कीर्तिमान स्थापित किया है।
गौरतलब है कि मंत्री मलय घटक ने सबसे पहले यह योजना रखी थी कि ईसीएल के परित्यक्त कोयला खदानों मछली पालन हो सकता है।
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